Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

योग एवं आयुर्वेद

Air pollution से फेफड़े हो रहे कमजोर, इन योगासनों का करें अभ्यास

Published

on

air pollution

Loading

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली व एनसीआर (NCR) सहित उत्तर भारत के कई हिस्से लगातार गंभीर वायु प्रदूषण (air pollution) की चपेट में हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं वायु प्रदूषण के लगातार संपर्क में रहने के कारण जिन अंगों को सबसे ज्यादा प्रभावित देखा जाता रहा है, फेफड़े उनमें से एक है।

यह भी पढ़ें

इन योगासनों से श्वसन संबंधी विकारों में होता है लाभ, दिनचर्या में करें शामिल

योगी सरकार में उत्तर प्रदेश बनेगा डेटा सेंटर का हब, खोले जाएंगे 7 और डेटा सेंटर

प्रदूषण में सांस लेने से हानिकारक तत्व आपके वायुमार्ग से होते हुए फेफड़ो में चले जाते हैं, जो समय के साथ कई प्रकार की गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, प्रदूषण के कारण हृदय और फेफड़ों को शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। लंबे समय तक प्रदूषण वाले इलाकों में रहने वालों के फेफड़े की क्षमता कमजोर हो जाती है। इस तरह के जोखिमों से बचाव और फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए दिनचर्या में योगासनों को शामिल करना एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

योग के अभ्यास की आदत श्वसन विकारों को दूर करने के साथ फेफड़ों को मजबूती देते हैं और इससे संबंधित रोगों के जोखिम को भी कम करते हैं। आइए जानते हैं कि फेफड़ों की मजबूती के लिए कौन से योगासनों का अभ्यास लाभकारी माना जाता है?

कपालभाति प्राणायाम

कपालभाति प्राणायाम को संपूर्ण शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी अभ्यासों में से एक माना जाता है। प्राणायाम के अभ्यास के मानसिक और शारीरिक दोनों तरह के स्वास्थ्य लाभ देखे गए हैं।

benefits of kapalbhati pranayam know here how to do kapalbhati brmp | अगर  रोज करेंगे ये एक आसन तो दूर भाग जाएंगी कई बीमारियां, वजन भी होगा कम, जानिए  जबरदस्त फायदे और

                                                                               कपालभाति प्राणायाम

योग विशेषज्ञों ने पाया कि कपालभाति प्राणायाम, फेफड़ों को मजबूत बनाने के साथ श्वसन संबंधित बीमारियों के जोखिम को कम करने वाला अभ्यास है।

यह वायु मार्ग से बलगम को साफ करने, सूजन को कम करने और फेफड़ों की क्षमता में सुधार करने में मदद करने वाला अभ्यास है। वायु प्रदूषण के जोखिमों से बचाव के लिए नियमित रूप से इस योग का अभ्यास करें।

सुखासन योग

सुखासन योग के अभ्यास को फेफड़ों की विसंगतियों को दूर करने वाला माना जाता है। यह फेफड़ों में रक्त के प्रवाह को बढ़ावा देकर फेफड़ों की मांसपेशियों से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को निकालने में सहायक है।

सांस की बीमारियों के शिकार लोगों को नियमित रूप से इस योग के अभ्यास से कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। इसके अलावा यह आसन ध्यान और एकाग्रता को भी बढ़ाता है। खांसी और सर्दी जैसी समस्याओं में भी इस योग के लाभ देखे गए हैं।

सुखासन: जानिए इस योगासन के अभ्यास का तरीका, इसके फायदे और सावधानियां

                                                                                         सुखासन योग

भुजंगासन योग

भुजंगासन योग या कोबरा पोज, न केवल मानसिक शांति के लिए बेहतर अभ्यास है साथ ही छाती और फेफड़ों के लिए भी इसको काफी कारगर माना जाता है।

रीढ़ को मजबूत करने और अस्थमा के लक्षणों से राहत दिलाने वाले इस योगासन को कमर दर्द की समस्या में भी लाभकारी पाया गया है।

भुजंगासन योग के नियमित अभ्यास की आदत हृदय रोगों के खतरे को कम करने में भी सहायक है।

Benefits of Bhujangasana know here how to do cobra pose brmp | Benefits of  Bhujangasana: महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद है यह आसन, पीठ दर्द से मिलती है  राहत, जानिए दूसरे जबरदस्त

                                                                                          भुजंगासन योग

air pollution, air pollution in delhi ncr, air pollution news,

डिस्क्लेमर: यह लेख महज जानकारी उपलब्ध करने के लिए है। आसन की सही स्थिति के बारे में जानने के लिए किसी योगगुरु से अवश्य संपर्क करें।

योग एवं आयुर्वेद

ये वर्कआउट्स डिप्रेशन से लड़ने में हैं मददगार, मूड को रखते हैं हैप्पी  

Published

on

By

workout for depression

Loading

नई दिल्ली। भागमभाग वाली जीवनशैली, काम का बोझ, खानपान व अन्य तनावों के चलते आजकल लोग डिप्रेशन में आ जाते हैं, जिसके चलते कभी-कभी हादसे भी हो जाते हैं। डिप्रेशन से लड़ने में कई वर्कआउट्स काफी मददगार साबित हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं, डिप्रेशन में किस तरह के वर्कआउट्स फायदेमंद हैं-

  1. रनिंग

रनिंग करने से बॉडी में डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे हॉर्मोन्स का सिक्रिशन होता है और कोर्टिसोल का लेवल घटता है जो स्ट्रेस बढ़ाने वाला हॉर्मोन होता है। तनाव की स्थिति में ये हॉर्मोन ज्यादा बनने लगता है, तो रनिंग इसे कम करने में प्रभावी है। रनिंग से मसल्स बनने के साथ ही हार्ट व ब्रेन भी हेल्दी रहता है।

  1. वेट लिफ्टिंग

वेट लिफ्टिंग के जरिए भी हल्के-फुल्के तनाव और अवसाद के लक्षणों से निपटा जा सकता है। वेट ट्रेनिंग के दौरान पूरा फोकस हाथों और शरीर पर होता है बाकी दूसरी चीज़ों पर ध्यान ही नहीं जाता। वेट लिफ्टिंग से मसल्स टोन्ड और स्ट्रॉन्ग होती है। ओवरऑल बॉडी फिट नजर आती है।

  1. योगा

बिना दौड़भाग के की जाने वाली बहुत ही बेहतरीन फिजिकल एक्टिविटी है योगा। तरह-तरह के शारीरिक मुद्राएं, ब्रीदिंग एक्सरसाइज और मेडिटेशन शरीर के साथ आपके दिमाग पर भी काम करती हैं। तनाव दूर करने के लिए मेडिटेशन का सुझाव एक्सपर्ट्स भी देते हैं। योग के महज 1/2 घंटे के अभ्यास से ही आपको अच्छा फील होगा।

  1. धूप का सेवन

धूप का सेवन तनाव, चिंता और अवसाद को दूर रखने में मददगार होता है। धूप से बॉडी में सेरोटोनिन का प्रोडक्शन होता है जो मूड को हैप्पी रखता है।

depression, workout for depression, workout for depression news,

डिस्क्लेमर: उक्त लेख सिर्फ सूचना मात्र हैं। अपनाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

Continue Reading

Trending