बिजनेस
कम पैसे में शुरू कर सकते हैं ये पांच बिजनेस, सरकार करती है मदद
बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो अपना खुद का कारोबार शुरू करना चाहते हैं, लेकिन बहुत कम लोग ही अफने इस सपने को पूरा कर पाते हैं। क्योंकि ज्यादातर लोगों को यह पाता ही नहीं होता कि उनके लिए कौन सा बिजनेस सही रहेगा। इस लिए आज हम आपको पांच ऐसे बिजनेस के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें आप सिर्फ एक-दो लाख रुपए से ही शुरू कर सकते हैं। और साथ ही ये वो बिजनेस हैं जिनके लिए आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई जा रही स्कीम मुद्रा के तहत लोन भी ले सकते हैं।
टमेटो सोस मैन्युफैक्चरिंग यूनिट
प्रधानमंत्री मुद्रा स्कीम के प्रोजेक्ट प्रोफाइल के मुताबिक यदि आप टमेटो सोस मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने चाहते हैं तो आपके पास लगभग 1 लाख 95 हजार रुपए रुपए होने चाहिए। जबकि आप 1.50 लाख टर्न लोन और लगभग 4.36 लाख रुपए वर्किंग कैपिटल लोन ले सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, आप साल भर में लगभग 30 हजार किलोग्राम टोमेटो सोस तैयार कर सकते हैं और इस पर सालाना प्रोडक्शन कॉस्ट के तौर पर आपका लगभग 24 लाख 37 हजार रुपए लगेगा, जबकि यदि यह 30 हजार किलोग्राम सोस आप 95 रुपए प्रति किलोग्राम के रेट से बाजार में सप्लाई करते हैं तो आपका सालाना टर्नओवर 28 लाख 50 हजार रुपए होगी। यानी कि आपको लगभग 4 लाख 12 हजार रुपए की इनकम होगी।
राइस एवं करी पाउडर यूनिट
अगर आप राइस एंड करी पाउडर मैकिंग यूनिट लगाते हैं तो आपको लगभग 6.55 लाख रुपए की प्रोजेक्ट कॉस्ट में यह यूनिट शुरू कर सकते हैं। इसके लिए आपको लगभग 1.66 लाख रुपए अपने पास से लगाने होंगे, जबकि 3.32 लाख रुपए टर्म लोन और 1.66 लाख रुपए वर्किंग कैपिटल लोन लेना होगा। यह लोन आपको मुद्रा स्कीम के तहत किसी भी बैंक से मिल जाएगा। मुद्रा वेबसाइट पर अपलोड प्रोजेक्ट प्रोफाइल के मुताबिक, आपको इस प्रोजेक्ट में लगभग 1.45 लाख रुपए का नेट प्रॉफिट हो सकता है।
राइस प्रोसेसिंग मिल
आप कुल 3.5 लाख रुपए की प्रोजेक्ट कॉस्ट में राइस प्रोसेसिंग मिल शुरू सकते हैं। इसमें लगभग 25 फीसदी पैसे का इंतजाम करना होगा, बाकी लगभग 2 लाख रुपए का आपको लोन मिल जाएगा। प्रोजेक्ट के तहत आप लगभग 370 क्विंटल राइस की प्रोसेसिंग करता है। इसका कॉस्ट ऑफ प्रोडक्शन लगभग 4 लाख 45 हजार रुपए आएगा, जबकि यदि आप सारा माल आगे बेच देते हैं तो आपकी सेल्स लगभग 5 लाख 54 हजार रुपए होगी। यानी कि आप लगभग 1 लाख 10 हजार रुपए तक कमा सकते हैं।
आयुर्वेदिक चूर्ण बनाने की यूनिट
खादी विलेज इंडस्ट्री बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक आप 4.76 लाख रुपए की प्रोजेक्ट कॉस्ट में आयुर्वेदिक चूर्ण बनाने की यूनिट शुरू कर सकते हैं। इसमें आपको लगभग 1.25 लाख रुपए का इंतजाम करना होगा। इसमें शेड का किराया, इक्विपमेंट्स और एक माह की वर्किंग कैपिटल शामिल है। इस प्रोजेक्ट कॉस्ट से आप लगभग 65 हजार कंटेनर्स का प्रोडक्शन कर सकते हैं, जिसकी प्रोडक्शन कॉस्ट 13 लाख 41 हजार रुपए आएगी। और आपकी टोटल सेल्स 16 लाख रुपए होगी। यानी कि आपको लगभग 2 लाख 58 हजार रुपए की इनकम होगी।
आयुर्वेदिक यूनिट
आयुर्वेदिक कैप्सूल बनाने की यूनिट आप लगभग 1.10 लाख रुपए में शुरू कर सकते हैं। इस प्रोजेक्ट की कुल कॉस्ट 4 लाख 47 हजार रुपए आएगी। इस कॉस्ट से आप 20 लाख कैप्सूल बना सकते हैं। प्रोजेक्ट कॉस्ट में शेड का किराया, इक्विपमेंट्स और एक माह की वर्किंग कैपिटल शामिल है। इस प्रोजेक्ट रिपोर्ट के आधार पर पीएम रोजगार योजना के तहत लोन ले सकते हैं। प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद कॉस्ट ऑफ प्रोडक्शन लगभग 11 लाख 72 हजार रुपए होगी, जबकि आप सेल्स लगभग 15 लाख रुपए होगी। यानी कि लगभग 3 लाख 28 हजार रुपए का ग्रोस सरप्लस होगा।
बिजनेस
Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो
नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।
व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।
तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।
व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।
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