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नेशनल

राज्यसभा में खास विधेयको को लेकर हंगामा

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नई दिल्ली| लोकसभा में कुछ खास विधेयकों को पेश किए जाने को लेकर मंगलवार को राज्यसभा में शोरशराबा शुरू हो गया। राज्यसभा में इस तरह के विधेयक लंबित पड़े हुए हैं।

लोकसभा में मंगलवार को बीमा कानून (संशोधन) विधेयक 2015 और मोटर वाहन कानून (संशोधन) विधेयक 2015 पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध होने को लेकर राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों ने आपत्ति जताई।

हालांकि, सरकार और उपसभापति पी.जे. कुरियन ने कहा कि दूसरे सदन के कामकाज पर इस सदन में चर्चा नहीं की जा सकती। विपक्षी सदस्यों ने इस मुद्दे पर सभापति से एक व्यवस्था देने की मांग की, जिसे सुरक्षित रखते हुए कुरियन ने कहा कि इस विषय पर निर्णय के लिए राज्यसभा के नियम पर्याप्त नहीं हैं।

समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने राज्यसभा में सवाल किया, “यदि इस सदन में कोई विधेयक लंबित है, और जबतक वह पारित या खारिज नहीं हो जाता, क्या उसे लोकसभा में पेश किया जा सकता है?”

माकपा नेता सीताराम येचुरी ने अग्रवाल का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार राज्यसभा को दरकिनार करना चाहती है।

येचुरी ने कहा कि क्या इस सदन में चर्चा किए बिना किसी विधेयक को पारित करने की अनुमति है। सरकार बहुमत का गलत फायदा उठाने और सदन को दरकिनार करने की कोशिश कर रही है।

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, “देश के संसदीय इतिहास में यह पहली घटना होगी। हम इसे उदाहरण न बनने दें। इस सदन ने एक प्रवर समिति बनाई है, जिसने रपट दी है। इसके बाद यदि सरकार को कोई बदलाव करना है तो इसके लिए अतीत की परंपरा में संशोधन करना होगा।”

केंद्रीय संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि राज्यसभा दूसरे सदन के कामकाज पर चर्चा नहीं कर सकती।

नकवी ने सवाल उठाया, “क्या हम दूसरे सदन के कामकाज पर चर्चा कर सकते हैं।”

उन्होंने कहा, “जब विधेयक यहां आता है तो हम गंभीरता से नियमों का पालन करते हैं।”

विपक्षी सदस्यों ने पीठासीन अधिकारी से एक व्यवस्था की मांग की।

कुरियन ने कहा, “यह को सामान्य मुद्दा नहीं है। हमें इस पर अधिक विचार करने की जरूरत है। कुछ चीजों पर स्पष्टता जरूरी है। दूसरे सदन का कामकाज हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है और दूसरे सदन में कुछ रोकने के संदर्भ में हमारे पास कोई नियम भी नहीं है। यदि नियम हैं तो ये उन पर बाध्यकारी नहीं होते।”

सभापति ने व्यवस्था सुरक्षित रखते हुए कहा, “प्रश्न यह है कि क्या यह वही विधेयक है या एक अलग विधेयक है। यदि यह अलग विधेयक है तो व्यवस्था का सवाल ही पैदा नहीं होता। यदि यह समान विधेयक है तो मुझे संवैधानिक प्रावधानों को देखना पड़ेगा। इसके बाद ही मैं कोई व्यवस्था दे सकता हूं।”

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह सरकार ने राज्यसभा से तीन विधेयकों को वापस लेने की कोशिश की थी, जिसके बदले अध्यादेश लाए गए हैं। इन विधेयकों में बीमा कानून (संशोधन) विधेयक 2008, द मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक 2014 और कोयला खनन (विशेष प्रावधान) विधेयक 2014 शामिल हैं।

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नेशनल

भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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