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मौलाना नदवी ने अयोध्या मामले से किया तौबा, बोले- अब नहीं पड़ना चाहते विवाद में

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लखनऊ। राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मामले को अदालत से बाहर सुलझाने की कोशिश करने वाले मौलाना सलमान नदवी ने अयोध्या विवाद से अब किनारा कर लिया है। नदवी ने कहा है कि वह इस मामले में अदालत के फैसले का इंतजार करेंगे। इसके साथ ही वह तभी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में लौटने के बारे में तभी सोचेंगे जब असदुद्दीन ओवैसी और कमल फारूकी सहित चार लोगों को बोर्ड से बाहर नहीं निकाल दिया जाता।

बता दें कि मौलाना सलमान नदवी खुद ही सवालों और आरोपों में घिरते जा रहे हैं। सुलह का फार्मूला पेश कर ऑल इंडिया मुस्लिम पसर्नल लॉ बोर्ड से निकाले जा चुके मौलाना नदवी पर अब मस्जिद का दावा छोडऩे के लिए 5000 करोड़ रुपये मांगने का आरोप भी लग चुका है। मौलाना पर यह आरोप अयोध्या सद्भावना समन्वय महासमिति के अध्यक्ष डॉ. अमरनाथ मिश्रा ने लगाया था। उधर राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर दोनों पक्षों में सुलह का प्रयास कर रहे आध्यात्मिक गुरु व आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर गुरुवार सुबह लखनऊ पहुंचे। उन्होंने मौलाना सलमान नदवी से मुलाकात की। हजरतगंज स्थित तेज कुमार प्लाजा में हुई इस मुलाकात में दोनों के बीच राम मंदिर मुद्दे को लेकर काफी देर तक वार्ता हुई। इस मुलाकात में पूर्व आईएएस अफसर अनीस अंसारी भी मौजूद रहे। इस मुद्दे पर अगली बैठक लखनऊ में ही 28 मार्च को होगी।

बैठक में शामिल होने के लिए श्रीश्री रविशंकर फिर लखनऊ आएंगे और मुस्लिम धर्मगुरुओं से मिलेंगे। इस मुलाकात में दोनों पक्षों के कई प्रभावशाली लोग मौजूद रहेंगे।
नदवी से मुलाकात के बाद श्री श्री ने कहा, “आम सहमति के लिए काम कर रहा हूं। हर तरफ से अच्छी प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। दोनों समुदाय राम मंदिर का निर्माण चाहते हैं। मुस्लिम समुदाय से बहुत सहयोग मिल रहा है।”

सलमान नदवी ने अयोध्या मामले को अदालत के बाहर सुलझाने की पहल की थी। इस पर उन्हें ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से बर्खास्त कर दिया गया था। नदवी ने श्री श्री से बेंगलुरू में मुलाकात की थी और मस्जिद को विवादित स्थल से दूर कहीं और बनाने की बात कही थी। इससे बोर्ड के सदस्य नाराज थे। बोर्ड को अदालत के फैसले का इंतजार है। इस फैसले के बाद वे लोग वोटों के ध्रुवीकरण में पूरे मनोयोग से जुट जाएंगे, क्योंकि उन्हें इसकी सख्त जरूरत पड़ेगी।

इसी साल कई राज्यों में चुनाव है और अगले साल लोकसभा चुनाव भी है। जनता बहुत खुश नहीं है, इसलिए उसे बहलाए बिना काम भी तो नहीं चलेगा!

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भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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