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आध्यात्म

वैश्विक स्तर पर हो अयोध्या महोत्सव का आयोजनः प्रेम शुक्ला

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अयोध्या। भाजपा प्रवक्ता प्रेम शुक्ल ने कहा अयोध्या महोत्सव का आयोजन सिर्फ़ अयोध्याधाम की धरती पर ही नही बल्कि इस प्रकार का आयोजन वैश्विक स्तर का हो।

इस कार्यक्रम के बतौर अध्यक्ष शुक्ल ने कहा हिंदुओं के आराध्य दशरथ कौशल्या नंदन प्रभु श्रीराम के अयोध्याधाम में गत आठ दिनों से अयोध्या महोत्सव का आज जो माहौल बना है, उसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अहम योगदान है।

प्रेम शुक्ल ने कहा आधुनिकता की आपाधापी में लोककलाएं व लोकसंस्कृति विलुप्त होती जा रही हैं। ऐसी स्थित में अयोध्याधाम में हो रहे अयोध्या महोत्सव के माध्यम से लोककलाओं के लोकप्रिय लोक कलाकारों को भी समाज में सम्मानित होने का अवसर मिलेगा और लोक संस्कृति की परंपराएं जीवित रहेंगीं।

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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