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मनोरंजन

आखिरकार ‘पद्मावती’ को हरी झंडी, भंसाली को बदलना पड़ेगा टाइटल

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मुंबई। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने संजय लीला भंसाली की विवादास्पद फिल्म ‘पद्मावती’ को ‘कुछ बदलावों के साथ’ यू/ए प्रमाणपत्र देने का फैसला किया है और फिल्म-निर्माता से कहा है कि फिल्म का नाम बदलकर ‘पद्मावत’ कर दिया जाए। हालांकि, इस सुझाव पर मेवाड़ राजवंश और फिल्म जगत के कई सदस्यों ने कड़ा एतराज जताया है।

यह फैसला सीबीएफसी प्रमुख प्रसून जोशी की उपस्थिति में हुई जांच समिति की एक बैठक में गुरुवार को लिया गया था। विशेष समिति में उदयपुर से अरविंद सिंह, जयपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के.के. सिंह और डॉ. चन्द्रमणि सिंह शामिल थे।

सीबीएफसी के अनुसार, फिल्म को ‘फिल्मकार और समाज दोनों को ध्यान में रखते हुए संतुलित ²ष्टिकोण’ से देखा गया है। बोर्ड ने भारत में पर्दो पर दिखाए जाने के लिए प्रमाण-पत्र देने से पहले संशोधन करने और नाम बदलने के लिए कहा है। खबरों के मुताबिक 26 कट लगाने के आदेश दिए गए थे, लेकिन सीबीएफसी ने इससे इंकार किया है।

सीबीएफसी ने कहा, “फिल्म के प्रति जटिलताओं और चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, एक विशेष समिति की आवश्यकता महसूस की गई, ताकि अंतिम निर्णय में परिप्रेक्ष्य जोडऩे के लिए आधिकारिक समिति को सौंपा जा सके।”

‘पद्मावती’ पहले एक दिसंबर को रिलीज होने वाली थी, लेकिन विवादों में उलझ जाने के कारण रिलीज टाल दी गई। राजपूत समुदाय के एक संगठन करणी सेना ने फिल्म पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध का आग्रह किया था, क्योंकि इसमें ऐतिहासिक तथ्यों के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ किया गया है। राजपूत संगठन के सदस्यों ने इस वर्ष की शुरुआत में भंसाली पर शारीरिक रूप से जयपुर में शूटिंग के दौरान हमला किया। उन्होंने मुंबई के बाहरी इलाके में भी फिल्म के सेट को जला दिया था।

विवाद ने उस वक्त हिंसक मोड़ ले लिया, जब भंसाली और दीपिका के खिलाफ धमकियां जारी की गईं। सीबीएफसी द्वारा आगे बढऩे के बावजूद, श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने शनिवार को फिल्म पर पूरी तरह से प्रतिबंध की मांग की और कहा कि जो भी थिएटर फिल्म को दिखाएंगे, उनमें तोडफ़ोड़ किया जाएगा।

इससे पहले 30 नवंबर को भंसाली एक संसदीय समिति के समक्ष पेश हुए थे और उन्होंने कहा था, “फिल्म पर सभी विवाद अफवाहों पर आधारित हैं। मैंने गलत तथ्य नहीं दिए हैं। यह फिल्म मलिक मोहम्मद जायसी के काव्य पर आधारित है। उन्होंने 16 वीं शताब्दी के भारतीय सूफी कवि के महाकाव्य ‘पद्मावत’ का उल्लेख किया था।”

बोर्ड ने कहा कि एक बार आवश्यक संशोधन किए जाने और अंतिम सामग्री जमा करने के बाद प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा।

सीबीएफसी के सुझावों की हालांकि मेवाड़ राजवंश ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने प्रसून जोशी को एक पत्र में अपनी निराशा व्यक्त की है। मेवाड़ राजवंश के 76वें महाराणा और पूर्व लोकसभा सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ के बेटे महाराजकुमार विश्वराज सिंह ने कहा है कि वह गुरुवार को समिति का हिस्सा होना चाहते थे, जो अंत में नहीं हो सका और यह निर्णय सेंसर बोर्ड द्वारा उनकी सहमति के बिना ही ले लिया गया।

प्रादेशिक

कुछ दिन पहले पार्टनर की हुई थी सड़क हादसे में मौत, गम में इस एक्टर ने कर लिया सुसाइड

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मुंबई। मशहूर तेलुगू एक्टर और ‘त्रिनयानी’ के चंद्रकांत यानी चंदू ने सुसाइड कर लिया है। एक्टर अलकापुर में अपने घर में मृत पाए गए है। बता दें कि कुछ दिन पहले ही चंदू की रूमर्ड पार्टनर और साथी कलाकार पवित्रा जयराम की कार एक्सींडेट में मौत हो गई थी। उनकी मौत के कुछ दिन बाद ही चंदू ने भी अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली है। अचानक चंदू के निधन से हर कोई हैरान है। दोस्त के जाने का गम एक्टर सह नहीं पाए और उन्होंने खुद को भी मौत के हवाले कर दिया।

अभिनेता चंदू उर्फ चंद्रकांत जो अपनी शानदार एक्टिंग की वजह से फेमस थे। वह टेलीविजन जगत के मशहूर एक्टर की लिस्ट में शामिल थे। इतना ही नहीं उनकी साउथ में जबरदस्त फैन फॉलोइंग थी। एक कार दुर्घटना में अपनी रूमर्ड पार्टनर और सह-कलाकार पवित्रा जयराम की मौत के कुछ ही दिनों बाद एक्टर चंदू ने आत्महत्या कर ली। जब चंदू ने बार-बार फोन कॉल का जवाब नहीं दिया तो उनके परिवार के सदस्यों ने उनके कमरे का दरवाजा तोड़ दिया, जहाँ वो मृत पड़े मिले।

इतना ही नहीं पुलिस को एक्टर के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है। बता दें कि चंद्रकांत की आत्महत्या से कुछ दिन पहले ही पवित्रा जयराम की एक कार दुर्घटना में मौत हो गई थी, जिसके बाद उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पवित्रा को श्रद्धांजलि दी थी।

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