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जियो को टक्कर देगा ये वाई-फाई डब्बा, 2 रूपए में उपलब्ध है सबसे सस्ता प्लान
नई दिल्ली। टेलिकॉम सेक्टर में रिलायंस जियो ने जब से दस्तक दी है। बाकी कंपनियों के मानो तब से होशों-हवास उड़ से गए है। सस्ते डाटा प्लान और फ्री वाइस कॉलिंग के साथ दिन-प्रतिदिन जियो यूजर्स की संख्या में लगातार इजाफा होता रहा और खास बात ये है कि लोगों में अब भी जियो के प्लान्स को लेकर क्रेज देखा जा रहा है।
जियो को टक्कर देने के लिए बड़ी सी बड़ी कंपनिया एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया, बीएसएनएल सभी ने जी तोड़ कोशिश की पर जियो के प्रति उपभोक्ताओं के विश्वास को डगमगा न सका।
लेकिन अक्सर देखा जाता रहा है कि इस देश के स्टार्टअप अक्सर ऐसी योजनाएं या फिर तरकीब ढूँढ लाते हैं जो अच्छे से अच्छे बिज़नेसमैन को टक्कर दे देती है आगे चलकर कारगर साबित होती है।
जी हां। दरअसल, रिलायंस जियो को टक्कर देने के लिए अब एक स्टार्टअप भी इस रेस में कूद पड़ा है, जो बेहद ही सस्ती कीमत पर इंटरनेट सेवा दे रहा है।
आइए जानते हैं इसके बारे में-
बेंगलुरु के एक स्टार्टअप वाईफाई डब्बा ने रिलायंस जियो को टक्कर देने के लिए एक शानदार प्लान लॉन्च किया है। इस प्लान के तहत कंपनी आपको सिर्फ 20 रुपए में 1 जीबी हाई स्पीड इंटरनेट मुहैया करा रही है। यह स्टार्टअप सिर्फ 13 महीने पुराना है और उसने दावा किया है कि इंटरनेट की कीमतें अभी और कम हो सकती हैं।
अगर वाईफाई डब्बा के ऑफर्स की रिलायंस जियो के साथ तुलना की जाए तो जियो 52 रुपए में सिर्फ 1.05 जीबी का डेटा दे रहा है। इसकी वैधता 7 दिनों की है। वहीं दूसरी ओर वाईफाई डब्बा सिर्फ 20 रुपए में 1 दिन के लिए 1 जीबी इंटरनेट डेटा दे रहा है। आपको बता दें कि अभी इस स्टार्टअप की सेवाएं सिर्फ बेंगलुरु में मिल रही हैं।
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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।
इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड
सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।
जनवरी में होगी अगली बैठक
जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।
वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।
फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम
विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।
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