Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

चौंका देगी यूएन की रिपोर्ट, 3.79 लाख रोहिंग्या का बांग्लादेश पलायन

Published

on

Loading

ढाका। बांग्लादेश में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) कार्यालय ने बुधवार को उत्तर-पश्चिम म्यांमार के राखिने राज्य में हिसा भडक़ने के बाद वहां से बांग्लादेश भागे रोहिंग्या लोगों की संख्या 25 अगस्त से लेकर अब तक 3.79 लाख बताई है जो पिछली बार की संख्या से 9,000 अधिक है।

संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को कहा कि पिछले महीने हुई हिंसा के बाद 370,000 रोहिंग्या बांग्लादेश भाग गए। इंटर सेक्टर कोऑर्डिनेशन ग्रुप ने एक रिपोर्ट में कहा कि यहां पहुंचने वाले नए लोगों की संख्या 188,000 के आसपास है, जिन्हें अस्थायी शिविरों में ठहराया जा रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 156,000 रोहिग्या अस्थायी बस्तियों और मौजूदा शिविरों में रह रहे, जबकि लगभग 35,000 रोहिग्या लोगों को स्थानीय समुदायों द्वारा ठहराया गया।

मौजूदा संकट 25 अगस्त को उभर कर सामने आया जब अराकन रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (एआरएसए) के विद्रोहियों ने उत्तर-पश्चिम राखिने राज्य में पुलिस और सैन्य चौकियों पर हमला कर दिया था, जिसके बाद म्यांमार सेना ने हिंसक कार्रवाई करते हुए रोहिंग्या लोगों पर हमला कर दिया।

सीमावर्ती चौकियों पर रोहिंग्या विद्रोहियों द्वारा हमले के बाद म्यांमार सेना द्वारा इसी तरह की आक्रामक सैन्य कार्रवाई ने पिछले साल अक्टूबर में 80,000 से अधिक रोहंग्याओं को पलायन करने को मजबूर कर दिया था।

इस संकट से पहले बांग्लादेश में करीब 3 लाख से लेकर 5 लाख तक रोहिग्या लोग रह रहे थे, जिसमें से केवल 32 हजार रोहिंग्या लोग ही कॉक्स बाजार जिले में बतौर शरणार्थी का दर्जा प्राप्त शिविरों में रह रहे थे।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

Published

on

Loading

नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

Continue Reading

Trending