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अन्तर्राष्ट्रीय

चीन, श्रीलंका पारंपरिक रूप से मित्रवत पड़ोसी

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बीजिंग| चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बुधवार को श्रीलंका के 67वें राष्ट्रीय दिवस पर अपने श्रीलंकाई समकक्ष मैत्रिपाला सिरिसेना को बधाई दी और कहा कि दोनों देश पारंपरिक रूप से मित्रवत पड़ोसी हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग ने भी अपने श्रीलंकाई समकक्ष रानिल विक्रमसिंघे को बधाई संदेश भेजा।

शी ने अपने संदेश में कहा कि चीन और श्रीलंका पारंपरिक रूप से मित्रवत पड़ोसी हैं और दोनों देशों के बीच संबंध स्थिर रहा और समय के साथ ज्यादा मजबूत हुआ है।

पिछले वर्ष सितंबर में श्रीलंका के अपने सफल दौरे को याद करते हुए शी ने कहा कि वह श्रीलंकाई जनता की विनम्रता और चीनी जनता के प्रति उनके मित्रवत स्वभाव से प्रभावित हैं।

चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि चीन का श्रीलंका के साथ महत्वपूर्ण संबंध है और चीन दोनों देशों के साथ रणनीतिक व सहयोगपूर्ण साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए इस दक्षिण एशियाई देश के साथ काम करने के लिए हमेशा तैयार है।

इधर, केकियांग ने अपने बधाई संदेश में कहा कि चीन और श्रीलंका के बीच 1957 में कूटनीतिक संबंध स्थापित होने के बाद से द्विपक्षीय संबंध बेहतर हुए हैं।

चीन पारंपरिक मित्रता को मजबूत करने और आपसी सहयोग को विस्तार देने के लिए तैयार है।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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