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मुख्य समाचार

कैग ने बेनकाब किए अखिलेश यादव सरकार के कारनामे

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लखनऊ। कैग की एक रिपोर्ट ने यूपी की पूर्व अखिलेश सरकार के कारनामों का कच्चा-चिट्ठा खोल कर रख दिया है। रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश के श्रम विभाग ने 2012-13 में दौरान बेरोजगारी भत्ते के तौर पर 20.58 करोड़ रुपए की धनराशी बांटी और इसके लिए जो कार्यक्रम आयोजित किया उसमें कुल 15.06 करोड़ रुपये खर्च किए गए।

यह जानकारी गुरुवार को यूपी विधानसभा में पेश कैग की जनरल एंड सोशल सेक्टर रिपोर्ट में सामने आई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अखिलेश सरकार चाहती तो इन खर्चों को रोक सकती थी क्योंकि इस योजना के तहत दी गई राशि को सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में ट्रांसफर किए जाने का प्रावधान था।

कैग रिपोर्ट के अनुसार, सपा सरकार ने साल 2012-13 में बेरोजगारी भत्ता वितरण कार्यक्रमों में 8.07 करोड़ रुपये कुर्सियों, नाश्ते-पानी और दूसरे इंतजामों पर खर्च किए। वहीं 6.99 करोड़ रुपये लाभार्थियों को कार्यक्रम स्थल तक लाने में खर्च हुए। कार्यक्रम में 1.26 लाख बेरोजगार लोगों को भत्ते के चेक दिये गये। ये चेक खुद राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने हाथों से दिए।

राज्य सरकार ने इसके जवाब में सितंबर 2016 में कहा था कि लभार्थियों को चेक बांटने वाले आयोजनों पर सरकार के निर्देशों के अनुसार खर्च किया गया था। कैग ने राज्य सरकार के इस जवाब को गलत ठहराया और कहा कि इतनी बड़ी संख्या में लाभार्थियों को आयोजन स्थल तक पहुंचाना, सरकार के दिशा-निर्देशों में शामिल नहीं था।

नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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