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केंद्रीय पर्यावरण मंत्री के निधन से सोनिया गांधी और सुरेश प्रभु दुखी

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केंद्रीय पर्यावरण मंत्री, अनिल दवे, भाजपा, बड़नगर

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नई दिल्ली।  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने गुरुवार को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री अनिल दवे के निधन पर शोक जताया। दवे का उनके आधिकारिक निवास पर निधन हो गया। हालांकि, अभी उनके निधन के सही समय का पता नहीं चल पाया है। गुरुवार सुबह 7.30 बजे जब उनके स्टाफ उन्हें जगाने गए तो उनके निधन का पता चला।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री, अनिल दवे, भाजपा, बड़नगर

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा, “मेरे सहयोगी अनिल माधव दवे जी के अचानक निधन की खबर सुनकर दुखी और सकते में हूं।”केंद्रीय मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने ट्वीट कर कहा, “मेरे सहयोगी अनिल माधव दवे के निधन की खबर सुनकर सकते में हूं। बहुत दुखी हूं।”

गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि दिवंगत नेता सज्जनता की एक उम्दा परिभाषा थे। वह बहुत अच्छे इंसान थे। मैं उनके मुस्कुराते हुए व्यक्तित्व को हमेशा याद रखूंगा। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें। केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा, “यह अविश्वसनीय है कि हमेशा मुस्कुराने वाले, प्यारे और दिल से युवा साथी अनिल माधव दवे जी अब हमारे बीच नहीं हैं।”

दवे की पारिवारिक मित्र मीना अग्रवाल ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए कहा, “उनके पार्थिव शरीर को इंदौर ले जाया जाएगा।” मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद दवे ने छह जुलाई 2016 को पर्यावरण मंत्री के रूप में शपथ ली थी। उनका जन्म मध्य प्रदेश के बड़नगर में हुआ था। वह 2009 से राज्यसभा सांसद थे।

विनम्र व्यक्तित्व के लिए याद रखे जाएंगे दवे : सोनिया

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को पर्यावरण मंत्री अनिल दवे के निधन पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि दवे को उनके विनम्र व्यक्तित्व के लिए याद रखा जाएगा। सोनिया ने एक बयान में कहा, “उनके अचानक निधन से सदमे में हूं।”

सोनिया ने कहा, “दवे एक मृदुभाषी और विनम्र स्वभाव वाले व्यक्ति थे। उन्हें अपने विनम्र व्यक्तित्व के लिए याद रखा जाएगा।”सोनिया ने दवे के परिवार, प्रशंसकों और समर्थकों के प्रति भी संवेदना व्यक्त की। दवे का नई दिल्ली में अपने आधिकारिक आवास पर निधन हो गया था। इस घटना का सुबह करीब 7.30 बजे पता चला, जब उनके कर्मचारियों ने उन्हें जगाने की कोशिश की। दवे की पारिवारिक मित्र मीना अग्रवाल ने उनकी मौत की पुष्टि की। उन्होंने कहा, “उनके पार्थिव शरीर को इंदौर ले जाया जाएगा।”

मध्यप्रदेश के बड़नगर में जन्मे दवे 2009 से राज्यसभा सदस्य थे। उन्होंने छह जुलाई, 2016 को केंद्र में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में शपथ ली थी।

नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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