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खेल-कूद

साक्षी, विनेश इतिहास रचने से चूकीं, सिल्वर मेडल से करना पड़ा संतोष

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नई दिल्ली। रियो ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारत की अग्रणी महिला पहलवान साक्षी मलिक को शुक्रवार को यहां जारी एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में इतिहास रचने से चूक गईं। साक्षी व भारत की एक अन्य महिला पहलवान विनेश फोगाट अपने-अपने वर्ग के फाइनल में हार गईं। रियो ओलम्पिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली जापान की रिसाको कवाई ने 60 किलोग्राम वर्ग के फाइनल में साक्षी को 10-0 से हराया। साक्षी पहली बार 60 किग्रा वर्ग में खेल रही थीं। रियो में उन्होंने 58 किलोग्राम वर्ग में कांस्य जीता था।

साक्षी ने मैच के बाद कहा, “यह मेरे लिए खराब दिन रहा लेकिन अब मैं आगे की प्रतियोगिताओं में बेहतर करने की उम्मीद के साथ प्रयास करूंगी।” इस वर्ग का कांस्य कजाकिस्तान की अवाउलम कासावमोवा को मिला। कासावमोवा ने उजबेकिस्तान की नाबिरा इसेनबायेवा को 13-3 से हराया।

विनेश को 55 किलोग्राम वर्ग के फाइनल में जापान की नांजो सेए ने 8-4 से हराया। रियो ओलम्पिक में चोट के कारण मुकाबले से बाहर होने वाली विनेश ने परिणाम को लेकर निराशा जाहिर की।

विनेश ने कहा, ” गम्भीर चोट के बाद मैट पर आना काफी मश्किल था। यह मेरे लिए हालांकि अच्छा अनुभव रहा। मैं रजत से खुश हूं क्योंकि मेरा मानना है कि चोट से उबरने के बाद पोडियम फिनिश करना काफी मुश्किल होता है।”

48 किलोग्राम वर्ग में रितु फोगाट को कांस्य मिला। रितु को वाकओवर मिला। चीन की यानान सुन ने चोट के कारण मैच से हटने का फैसला किया।

सेमीफाइनल में कजाकिस्तान की आयौलीम कासेमोवा को 15-3 से हराने वाली साक्षी इतिहास रचने और अपने ही देश की दो पहलवानों की हार का हिसाब कवाई से चुकाने से चूक गईं।

कवाई 2016 रियो ओलम्पिक में स्वर्ण व 2 बार विश्व कप और 2 बार एशियाई चैंपियनशिप जीत चुकी हैं। कवाई ने भारत की स्टार महिला पहलवान बबिता फोगाट को वर्ष 2012 विश्व प्रतियोगिता कनाडा में हराया वही राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता भारत की पूजा ढांडा को वर्ष 2014 एशियाई चैंपियनशिप के दौरान बहुत ही नजदीकी अंतर से पराजित हो गई थीं।

साक्षी अगर कवाई को मात दे देतीं तो वह न सिर्फ बबिता और पूजा की हार का बदला लेने में कामयाब हो जातीं बल्कि एशियाई चैंपियनशिप का स्वर्ण जीत कर ऐसा रिकार्ड स्थापित कर देंगी जो आज तक किसी भारतीय महिला पहलवान ने नहीं किया है।

साक्षी पहली बार इस भार वर्ग के फाइनल में खेल रही थीं। पिछले सप्ताह एशियाई चैम्पियनशिप के ट्रायल के लिए साक्षी ने राष्ट्रीय चैम्पियन मंजू कुमारी को 10-0 से हराय थाा। साक्षी ने महिलाओं की 58 किलोग्राम वर्ग में जगह बना ली थी, लेकिन टूर्नामेंट की शुरुआत से एक दिन पहले पता चला कि वह वजन बढऩे के कारण वह इस वर्ग में नहीं खेल पाएंगी।

खेल-कूद

NADA ने रेसलर बजरंग पुनिया को अनिश्चित काल के लिए किया निलंबित, ये है वजह

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने पहलवान बजरंग पुनिया को अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया। इस कार्रवाई से बजरंग के पेरिस ओलंपिक में खेलने के सपने पर संकट के बादल छाए हैं। जानकारी के अनुसार बजरंग पुनिया 10 मार्च को सोनीपत में हुए चयन ट्रायल के लिए अपना सैंपल देने में विफल रहे, जिसके बाद नाडा ने उन्हें भविष्य के किसी भी कार्यक्रम में भाग लेने से निलंबित करने का आदेश जारी किया।

भाजपा के पूर्व सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वालों में पुनिया, ओलंपियन साक्षी मलिक और विनेश सहित अन्य शीर्ष पहलवानों की कतार में सबसे आगे थे। निलंबन के बाद टोक्यो ओलंपिक में देश को कांस्य पदक दिलाने वाले पुनिया को इस महीने के अंत में होने वाले चयन ट्रायल में भाग लेने से रोक दिए जाने की संभावना है। 65 किग्रा वर्ग में अभी तक किसी भी भारतीय ने ओलंपिक कोटा नहीं जीता है।

निलंबन पत्र वर्ल्ड यूनाइटेड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) द्वारा मान्यता प्राप्त भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की भंग हो चुकी तदर्थ समिति को भेजा गया था। वहीं, बजरंग ने कुछ महीने पहले एक वीडियो जारी कर डोप कलेक्शन किट के एक्पायर होने का आरोप लगाया था। उन्होंने डोप नियंत्रण अधिकारी के निर्देश की अवहेलना की और दावा किया कि नाडा अधिकारियों ने अभी तक उनकी चिंताओं का समाधान नहीं किया है।

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