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अन्तर्राष्ट्रीय

वियतनाम में हेरोइन तस्करी में 9 को मौत की सजा

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वियतनाम, हेरोइन तस्करी, समाचार एजेंसी सिन्हुआ, मेथाफेटामाइन

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हनोई | वियतनाम की एक अदालत ने नशीली दवाओं के 23 तस्करों में से 9 को मौत की सजा सुनाई है। इन पर अवैध मादक पदार्थो के व्यापार, अवैध रूप से सैन्य हथियार रखने का आरोप लगाया गया था। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, इन पर 27 फरवरी को मुकदमा शुरू किया गया और होआ बिन्ह प्रांत के पीपुल्स कोर्ट में मंगलवार को समाप्त हुआ। मामले में 23 अभियुक्तों को साल 2012 से 2015 के दौरान करीब 1,415 हेरोइन केक की तस्करी को दोषी पाया गया। इसका वजन आधा टन था।

वियतनाम, हेरोइन तस्करी, समाचार एजेंसी सिन्हुआ, मेथाफेटामाइन

इन 23 अभियुक्तों से 9 को मौत की सजा सुनाई गई। अन्य 9 को उम्र कैद की सजा दी गई, चार लोगों को 17-20 साल की सजा दी गई और एक महिला को 18 महीने की सजा दी गई। अभियुक्तों पर अवैध रूप से सैन्य हथियार रखने और अपराधियों को आश्रय देने का भी आरोप लगाया गया था।

वियतनामी कानून के मुताबिक, ऐसे लोग जो 600 ग्राम से ज्यादा हेरोइन या 2.5 किलो मेथाफेटामाइन रखने या तस्करी के दोषी पाए जाते हैं, उन्हें मृत्यु दंड की सजा का सामना करना पड़ सकता है।

इसके अलावा 100 ग्राम हेरोइन या दूसरे अवैध नशीले पदार्थो के 300 ग्राम के उत्पादन या बिक्री पर मौत की सजा का प्रावधान है।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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