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अन्तर्राष्ट्रीय

ओबामा पत्नी संग छुट्टियां मना कर वाशिंगटन लौटे

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ओबामा पत्नी संग छुट्टियां मना कर वाशिंगटन लौटे

वाशिंगटन | पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल ओबामा एक निजी द्वीप पर छुट्टियां मनाकर वाशिंगटन स्थित अपने आवास लौट आए हैं। डेली मेल ऑनलाइन की रपट के मुताबिक, पूर्व प्रथम दंपति पॉश इलाके कलोरमा स्थित अपने घर वापस लौट आए हैं, जो इवांका ट्रंप और जारेड कुशनर के नए अपार्टमेंट के नजदीक ही स्थित है।

ओबामा दंपति वर्जिन आइलैंड्स में एकांत में 10 दिनों की छुट्टियां बिताकर गुरुवार को लौट आए। ओबामा ने पद छोड़ने के करीब दो हफ्ते बाद भी नए राष्ट्रपति ट्रंप के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन सोमवार को ओबामा ने एक प्रवक्ता के जरिए ट्रंप के बारे में एक बयान जारी किया।

ओबामा के कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, “राष्ट्रपति ओबामा देश के सभी समुदायों द्वारा की जा रही प्रतिक्रिया से बेहद खुश हैं।”

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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