मुख्य समाचार
अखिलेश-मुलायम की बैठक बेनतीजा, रामगोपाल बोले- अब नहीं होगा समझौता
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) के भीतर मची रार थमने के संकेत मिलने थे, लेकिन पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री के बीच करीब साढ़े तीन घंटे चली बैठक बेनतीजा रही। सपा सूत्रों के मुताबिक, अभी एक-दूसरे को मनाने के लिए बैठकें चलती रहेंगी। मंगलवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पिता मुलायम के साथ लंबी बैठक के बाद शिवपाल सिंह यादव, नारद राय व ओम प्रकाश सिंह भी ‘नेताजी’ से मिले।
दिल्ली से लखनऊ लौटे मुलायम ने अखिलेश के साथ अपने आवास पर काफी देर तक वार्ता की। अटकलें लगाई जा रही हैं कि इनके बीच टिकट वितरण की भूमिका को लेकर समझौता हो गया, लेकिन अभी ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है।
पार्टी के चुनाव-चिह्न् ‘साइकिल’ पर दावा ठोकने निर्वाचन आयोग गए रामगोपाल यादव ने इस बात पर मुहर लगा दी कि मुलायम व अखिलेश के बीच लंबी बातचीत भी बेनतीजा रही है। उन्होंने कहा कि अभी विवादित मुद्दों का कोई हल नहीं निकला है।
अखिलेश गुट के रामगोपाल ने कहा, “जो भी बातचीत चल रही है, उसका कोई मतलब नहीं। हम चुनाव आयोग जा चुके हैं, अब वही फैसला करेगा। अब न कोई समझौता होगा और न ही सुलह की बात।”
पहले माना जा रहा था कि पार्टी के सभी प्रत्याशी के नाम मुलायम और अखिलेश तय करेंगे। प्रत्याशियों की सूची फिर से तैयार होगी। ऐसे भी संकेत मिले कि पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल को राष्ट्रीय राजनीति में ‘फिट’ किया जाएगा, लेकिन ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई।
नेशनल
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता व ग्वालियर राज घराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया है। उनका इलाज पिछले दो महीनों से दिल्ली के एम्स में चल रहा था। आज सुबह 9.28 बजे उन्होंने दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली।
हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया था कि, राजमाता माधवी राजे को सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें 15 फरवरी को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। इसी साल 6 मार्च को भी उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। उस समय भी उनकी हालत नाजुक थी और उनको लाइफ सपोर्टिंग सिस्टम पर रखा गया था।
पहली बार 15 फरवरी को माधवी राजे की तबीयत बिगड़ी थी, उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उसके बाद से ही उनकी हालत नाजुक बनी हुई थे। वे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थीं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुछ समय पहले यह जानकारी शेयर की थी।
नेपाल राजघराने से माधवीराजे सिंधिया का संबंध है। उनके दादा शमशेर जंग बहादुर राणा नेपाल के प्रधानमंत्री थे। कांग्रेस के दिग्गज नेता माधवराव सिंधिया के साथ माधवी राजे के विवाह से पहले प्रिंसेस किरण राज्यलक्ष्मी देवी उनका नाम था। साल 1966 में माधवराव सिंधिया के साथ उनका विवाह हुआ था। मराठी परंपरा के मुताबिक शादी के बाद उनका नाम बदलकर माधवीराजे सिंधिया रखा गया था। पहले वे महारानी थीं, लेकिन 30 सितंबर 2001 को उनके पति और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया के निधन के बाद से उन्हें राजमाता के नाम से संबोधित किया जाने लगा।
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