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79वेंजन्मदिन पर रतन टाटा ने संघ प्रमुख भागवत से मुलाकात की
नागपुर (महाराष्ट्र)। एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में टाटा संस के अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत से मुलाकात करने नागपुर पहुंचे। रतन टाटा के 79वें जन्मदिन पर उनके साथ आरएसएस के राष्ट्रीय मुख्यालय में भागवत से मिलने वाले एक मशहूर शख्स ने कहा कि यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी और इसमें इलाके में टाटा ट्रस्ट द्वारा की जा रही विभिन्न पहलों पर चर्चा की गई।
सूत्र ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा, “टाटा और भागवत ने टाटा ट्रस्ट की विभिन्न सामाजिक पहलों पर चर्चा की। आरएसएस प्रमुख ने टाटा को विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सामाजिक परियोजनाओं से अवगत कराया।” सूत्र ने किसी अन्य मुद्दे पर चर्चा न होने का दावा करते हुए कहा, “यह बस एक ‘लर्निग विजिट’ थी, लेकिन पता नहीं क्यों घंटे भर की इस बैठक को लेकर इतनी बातें हो रही हैं।”
टाटा संस व उसके पूर्व अध्यक्ष सायरस मिस्त्री के बीच पिछले कई दिनों से कॉरपोरेट व कानूनी लड़ाई छिड़ी हुई है। मिस्त्री को 24 अक्टूबर को टाटा संस के चेयरमैन पद से बर्खास्त कर दिया गया था। इससे पहले बुधवार सुबह भाजपा प्रवक्ता शाइना एन.सी. ने ट्वीट किया, “रतन टाटा के साथ नागपुर के रास्ते में। रतन टाटा को जन्मदिन की शुभकामनाएं। आरएसएस मुख्यालय में सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत से मुलाकात करने के लिए रास्ते में रतन टाटा के साथ।”
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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