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सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस हादसे में 60 घायल, दिल्ली-हावड़ा रूट ठप

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Kanpur syaldah ajmer train accidentकानपुर/लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कानपुर जिले के रूरा रेलवे स्टेशन के पास बुधवार 5.20 बजे सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस की 15 बोगियां पटरी से उतर गईं। हादसे में करीब 60 लोग घायल हो गए। आठ लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है, उनमें से एक घायल बच्ची का ऑपरेशन किया गया है। सात घायलों को इलाज के लिए कानपुर के हेलट अस्पताल भेजा गया है। हादसे के बाद दिल्ली-हावड़ा रूट ठप हो गया है।

डीजीपी जावीद अहमद ने बताया, हादसे में घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। फिलहाल स्थानीय प्रशासन की तरफ से राहत बचाव का कार्य शुरू कर दिया गया है। हादसे के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा, वह खुद हादसे पर नजर बनाए हुए हैं। राहत व बचाव कार्य के लिए टीम रवाना की जा चुकी है। हादसे की जांच की जाएगी। घबराने की जरूरत नहीं है।

रेल मंत्रालय के अधिकारी अनिल सक्सेना ने कहा कि अब तक किसी के मौत की पुष्टि नहीं हुई है। कानपुर देहात के जिलाधिकारी कुमार रविकांत ने कहा, राहत एवं बचाव कार्य चल रहा है। आगे जाने वाले यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है।

कानपुर देहात के एसपी प्रभाकर चौधरी के अनुसार, डीजीपी के ट्वीट के बाद कानपुर और कानपुर देहात का पूरा प्रशासनिक अमला सतर्क हो गया। हादसे में ट्रेन का गार्ड भी गंभीर रूप से घायल हो गया है। घटना के कारणों का पता अभी नहीं चल सका है। इस मामले में कानपुर, इटावा और इलाहाबाद से राहत ट्रेन मौके पर रवाना कर दी गई है।

ट्रेन के ड्राइवर प्रदीप कुलश्रेष्ठ ने बताया, पुखरायां रेल हादसे के बाद से इमरजेंसी ब्रेक लगाने की हिदायत दी गई थी। रूरा के बाद जब ट्रेन ने पटरी बदली तो अचानक काफी तेज जर्क लगा। ट्रेन की स्पीड ज्यादा नहीं थी, इमरजेंसी ब्रेक नहीं लगा सकते थे। लेकिन कुछ सेंकेड बाद ही तेज आवाज आने लगी। बाहर झांककर देखा तो बोगियां लडख़ड़ा रही थीं। यह देख अचानक इमरजेंसी ब्रेक लगाया गया। अगर ब्रेक न लगाते तो काफी बड़ा हादसा हो सकता था।

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नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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