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सेना ने सीएम ममता के दावे को किया खारिज, पहले ही दी थी तैनाती की जानकारी
कोलकाता। भारतीय सेना ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरोपों से इनकार किया कि जवानों की तैनाती टोल प्लाजा पर राज्य सरकार को अंधेरे में रखकर की गई। सेना ने कहा कि अभ्यास का आयोजन स्थानीय पुलिस अधिकारियों के साथ समन्वय बिठाकर किया गया।
बंगाल क्षेत्र के कार्यवाहक कमांडिंग जनरल अधिकारी मेजर जनरल सुनील यादव ने कहा, हम सभी आरोपों के साथ सभी अवमानना से इनकार करते हैं। उन्होंने कहा, सेना द्वारा गुजरने वाले वाहनों से पैसे की वसूली के आरोप पूरी तरह निराधार हैं।
मेजर जनरल यादव ने मीडिया से कहा, पूर्वी कमान के सेना कर्मी स्थानीय स्तर पर भार वाहकों की उपलब्धता को लेकर कई राज्यों में प्रमुख प्रवेश बिंदुओं पर नियमित डाटा संग्रह का अभ्यास कर रहे हैं। यह स्थानीय पुलिस अधिकारियों के साथ समन्वय में किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह अभ्यास पहले 27-28 नवंबर को किए जाने की योजना थी, लेकिन इसे स्थगित कर 30 नवंबर से दो दिसंबर कर दिया गया। ऐसा कोलकाता पुलिस के विशेष अनुरोध पर 28 नवंबर को बंद के आह्वान पर किया गया।
उन्होंने कहा कि सेना ने इस अभ्यास के संदर्भ में कोलकाता पुलिस व पश्चिम बंगाल सरकार के कई अधिकारियों को 24 नवंबर को सूचित किया था। उन्होंने कहा, स्थानीय पुलिस से कुछ टिप्पणियां मिलने के बाद, हमने 26 नवंबर को कुछ बिंदुओं को स्पष्ट करते हुए उत्तर दिया था।
सेना के अधिकारी ने कहा कि एक संयुक्त पूर्व परीक्षण सैन्यकर्मियों और कोलकाता पुलिस के दो निरीक्षकों द्वारा 27 नवंबर को किया गया।
मेजर जनरल यादव ने कहा, हमने परस्पर जगहों की पहचान की और टेलीफोन पर बताया कि इस मुद्दे को हल कर लिया गया है। इस तरह से हमने अभ्यास का आयोजन किया। राज्य सरकार और सेना के बीच समन्वय के मुद्दे पर पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा, हमारी तरफ से समन्वय में कोई समस्या नहीं है।
मुख्यमंत्री ने राज्य सचिवालय ‘नाबन्ना’ से महज 500 मीटर की दूरी पर राष्ट्रीय राजमार्ग के टोल प्लाजा पर सेना की तैनाती का केंद्र पर आरोप लगाया है। बनर्जी ने गुरुवार शाम राष्ट्रीय राजमार्ग 2 (दिल्ली से कोलकाता को जोडऩे वाले) दनकुनी और पलसित टोल प्लॉजा पर बिना राज्य सरकार को सूचना दिए सेना की तैनाती का दावा किया।
नेशनल
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का बड़ा एलान, कहा- 77 साल का हो गया हूं, ये मेरा आखिरी चुनाव
भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को बड़ा ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यह उनका आखिरी चुनाव है। उन्होंने कहा कि नए लोगों को मौका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं 77 साल का हो गया हूं। 82 की उम्र में कौन चुनाव लड़ेगा। इसलिए नए लोगों को मौक़ा देना चाहिए।
इस दौरान दिग्विजय सिंह ने ईवीएम पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि चचौरा में मतदान केंद्र संख्या 24 पर मशीन कहती है कि 50 वोट डाले गए हैं, जबकि वहां सिर्फ 11 वोट डाले गए थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को 100 मीटर के दायरे से बाहर धकेला जा रहा है। भाजपा नेता 100 मीटर के दायरे में हैं और भगवान राम के बैनर और पोस्टर के साथ हैं। कांग्रेस नेता पंकज यादव पुलिस स्टेशन में हैं, लेकिन आपराधिक प्रवृत्ति वाले भाजपा के लोग खुले घूम रहे हैं।
बता दें कि लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के तहत मध्य प्रदेश की 9 सीट पर वोटिंग हो रही है। इन्हीं में एक सीट राजगढ़ भी है जो दिग्विजय सिंह का गढ़ माना जाता है।
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