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अन्तर्राष्ट्रीय

शी जिनपिंग एपेक बैठक में हिस्सा लेने पेरू पहुंचे

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लीमा, शी जिनपिंग, राष्ट्रपति, एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग, लैटिन अमेरिकी

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 लीमा, शी जिनपिंग, राष्ट्रपति, एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग, लैटिन अमेरिकी

शी जिनपिंग

लीमा। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग आगामी एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) के आर्थिक मामलों के नेताओं की बैठक में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार को पेरू पहुंच गए। इस लैटिन अमेरिकी देश की यह उनकी पहली राजकीय यात्रा है। शी ने इससे पहले इक्वाडोर का भी दौरा किया।

एपेक बैठक पेरू की राजधानी लीमा में ‘गुणवत्ता विकास एवं मानव विकास’ शीर्षक के तहत 19-20 नवंबर को होगी।शी एपेक के सीईओ के सम्मेलन को संबोधित भी करेंगे और एपेक की कारोबारी सलाहकार परिषद के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करेंगे और एपेक के सदस्य देशों के साथ भी मुलाकात करेंगे।

इस साल एपेक की बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब वैश्विक अर्थव्यवस्था अब भी बढ़ते संरक्षणवाद जैसी समस्याओं के साथ आर्थिक सुस्ती से उबरने की कोशिश कर रही है।चीन ने वैश्विक मुक्त व्यापार प्रणाली को सुरक्षा प्रदान करने और किसी भी रूप में संरक्षणवाद के विरोध का आह्वान किया है।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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