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बीसीसीआई से राज्य संघों को मिलने वाले फंड पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

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SC-BCCIनई दिल्ली। देश की सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के राज्य संघों को पैसे के आवंटन पर रोक लगा दी है। अदालत ने कहा है कि बोर्ड जब तक सेवानिवृत्त न्यायाधीश आर.एम. लोढ़ा समिति कि सिफारिशों को लागू करने का प्रस्ताव पारित नहीं करता, तब तक वह राज्य संघों को पैसे का आवंटन नहीं कर सकता।

प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि बीसीसीआई से संबद्ध राज्य संघ उसके द्वारा दिए गए धन का उपयोग तब तक नहीं कर सकते, जब तक वह लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने का हलफनामा दाखिल नहीं करता। अदालत ने बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर से वह हलफनामा दाखिल करने को कहा है, जिसमें उनकी और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेविड रिचर्डसन से की गई बात की जिक्र हो, जिसमें उन्होंने आईसीसी से सर्वोच्च न्यायालय और लोढ़ा समिति के फैसले को बीसीसीआई के कामकाज में सरकार का दखल माना हो।

बीसीसीआई ने पहले ही 17 राज्यों को धन वितरित कर दिया है। 13 अन्य राज्यों को बीसीसीआई से अभी पैसा मिलना बाकी है। सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह भी बीसीसीआई को लताड़ लगाई थी। उसने बोर्ड को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर छह अक्टूबर तक बोर्ड अपने सुझाव पेश नहीं करता है तो उसे समिति के फैसले को मानना पड़ेगा।

बीसीसीआई की तरफ से दलील दे रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने गुरुवार को अदालत में कहा था कि बोर्ड के लिए शुक्रवार तक राज्य संघों को धन आवंटन रोकने का हलफनामा देना मुश्किल होगा।

इसके जवाब में प्रधान न्यायाधीश ठाकुर, न्यायाधीश ए.एम. खानविल्कर और न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने जोर देते हुए कहा कि वह अपना आदेश दे देंगे, जिसे शुक्रवार तक लागू करना होगा। भविष्य के बारे में संकेत देते हुए गुरुवार की सुनवाई के बाद अदालत ने कहा था कि उसके पास दो रास्ते हैं, एक यह कि वह एक समिति का गठन करे जो बीसीसीआई में परिवर्तन पर नजर रखे या फिर लोढ़ा समिति को इस बात की जिम्मेदारी सौंपे।

पीठ ने कहा कि लोढ़ा समिति बोर्ड को अपनी सिफारिशें लागू करने का और वक्त दे सकती है तथा एक प्रशासन समिति का गठन कर सकती है जो बीसीसीआई में बदलावों को लागू कर सके। पिछले सप्ताह बीसीसीआई ने अपनी विशेष आम बैठक (एसजीएम) में लोढ़ा समिति की कुछ सिफारिशों को मानने का फैसला किया था। हालांकि बोर्ड ने शीर्ष अधिकारियों को हटाने संबंधी सिफारिश को नकार दिया था।

एसजीएम में शीर्ष परिषद गठन करने का फैसला लिया था जो बीसीसीआई के कामकाज पर नजर रखेगा। बोर्ड ने साथ ही अपनी परिषद और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की गवर्निग काउंसिल में भी नियंत्रक एवं महालेखा परिक्षक का प्रतिनिधि शामिल करने की बात कही थी। इन दोनों सिफरिशों को लोढ़ा समिति ने अपनी रिपोर्ट में जिक्र किया था।

शीर्ष परिषद के गठन के अलावा बैठक में विशेष योग्यता और महिला क्रिकेट की समिति के गठन को भी मंजूरी दे दी गई थी।

आईपीएल से पहले और बाद में 15 दिनों के अंतर की सिफारिश को बीसीसीआई ने मानने से इनकार किया था। बीसीसीआई ने इस पर कहा था कि लोढ़ा समिति की इस सिफारिश को अगर माना जाता है तो भारतीय टीम को अगले साल चैम्पियंस ट्रॉफी से नाम वापस लेना पड़ेगा या आईपीएल को रद्द करना पड़ेगा।

नेशनल

जनता-जनार्दन ने 4 चरणों में ही इंडी गठबंधन को चारों खाने चित्त कर दिया है : पीएम मोदी

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फतेहपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यूपी के फतेहपुर में एक जनसभा को संबोधित किया। जनसभा की शुरुआत में उन्होंने कहा कि आज एक तरफ देशहित के लिए समर्पित भाजपा-एनडीए गठबंधन है और दूसरी तरफ देश में अस्थिरता पैदा करने के लिए इंडी गठबंधन है। सपा-कांग्रेस तुष्टिकरण के आगे घुटने टेक चुकी हैं। मोदी जब इनकी सच्चाई देश को बता रहा है तो ये कहते हैं कि मोदी हिंदू मुसलमान कर रहा है। आज पूरा देश पूरी दुनिया जानती है कि मोदी सरकार की हैट्रिक बनने जा रही है। अभी देश में 4 चरण के चुनाव हुए हैं लेकिन जनता-जनार्दन ने इन 4 चरणों में ही इंडी गठबंधन को चारों खाने चित्त कर दिया है। भानुमति का कुनबा बिखरने लगा है, उसने हथियार डाल दिए हैं। पंजे और साइकिल के सपने टूटकर ‘खटाखट-खटाखट’ बिखर गए हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि बचे हुए चुनाव में कोई मेहनत भी नहीं करना चाहता। इंडी गठबंधन के कार्यकर्ता पहले से ही निराश थे, अब उन्होंने घर से निकलना ही छोड़ दिया है। इन चार चरणों में ही इंडी गठबंधन चारों खाने चित हो गया है। आपको पता होगा कि मैंने कहा था कि ये शहजादे केरल के वायनाड से भागेंगे। मैंने कहा था कि वो अमेठी की तरफ जाने की हिम्मत नहीं करेंगे, ये खबर भी पक्की निकली। उन्होंने कहा कि आगे की खबर ये है कि इज्जत बचाने के लिए अब कांग्रेस ने ‘मिशन 50’ रखा है। मतलब कैसे भी करके पूरे देश में 50 सीटें मिल जाए, ये कांग्रेस का लक्ष्य है। अब, 4 जून के बाद की प्लानिंग हो रही है कि हार का ठीकरा किस पर फोड़ा जाए। मुझे तो कोई बता रहा था कि विदेश यात्रा का टिकट भी बुक हो गया है। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस और सपा दोनों के सारे गुण मिलते हैं। दोनों परिवारवाद को समर्पित हैं और भ्रष्टाचार के लिए राजनीति में हैं। दोनों अपने वोटबैंक को खुश करने के लिए कुछ भी कर सकती हैं। दोनों अपराधियों और माफियाओं को बढ़ावा देती है।

सपा-कांग्रेस आतंकवादियों से हमदर्दी रखती है। सपा-कांग्रेस को लगता है कि ये हमारे समाज को तोड़कर अपना काम बना लेंगे, इसलिए, इनके हौंसले बढ़ गए हैं। कांग्रेस के शहजादे राम मंदिर (Ram Temple) पर ताला डलवाने का ख्वाब देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि सपा के बड़े नेता कहते हैं कि राम मंदिर तो बेकार है। इनके गठबंधन के लोग कहते हैं कि सत्ता में आकर सनातन धर्म का विनाश कर देंगे। सपा सरकार में यूपी अपराध में टॉप पर होता था। लेकिन, विकास के मामले में यूपी की गिनती पिछड़ी प्रदेश के तौर पर होती थी। आज भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश को विकास में टॉप पर ले आई है। आज यूपी सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे वाले राज्यों में टॉप पर है। सबसे ज्यादा एयरपोर्ट के मामले में यूपी टॉप पर है। यूपी सात शहरों में मेट्रो शुरू करके टॉप पर है। यही नहीं गरीब कल्याण की जो योजनाएं मैं चलाता हूं, यूपी उनमें भी टॉप पर है।

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