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कश्मीर में लगातार 49वें दिन कर्फ्यू और बंद जारी

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कश्मीर

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कश्मीरश्रीनगर| कश्मीर में शुक्रवार को लगातार 49वें दिन प्रशासन के कर्फ्यू और प्रतिबंध तथा अलगाववादियों के बंद से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। पुलिस का कहना है कि अनंतनाग, पुलवामा, बडगाम, शोपियां और श्रीनगर में बिना किसी राहत के कर्फ्यू जारी रहेगा जबकि घाटी में कहीं भी चार या उससे अधिक व्यक्तियों के एक साथ जमा होने पर भी प्रतिबंध लगा रहेगा।

प्रशासन ने घाटी में सुरक्षा-व्यवस्था और कड़ी की है क्योंकि अलगाववादी नेताओं ने ‘आजादी के समर्थन में’ रैली निकालने के लिए लोगों से पुराने श्रीनगर के ईदगाह प्रार्थना स्थल पर जुटने को कहा था। अलगाववादी नेता ईदगाह में सामूहिक प्रार्थना करना चाहते थे। यहां बड़ी संख्या में ऐसे लोग दफन हैं जिनकी घाटी में आतंकी हिंसा में पिछले 28 सालों में मौत हुई है।

लेकिन, प्रशासन ने विरोध मार्च निकालने के प्रयास को विफल कर दिया है। अलगाववादी नेताओं को घाटी में 9 जुलाई से शुरू हुई हिंसा के बाद से ही नजरबंद रखा गया है। अलगाववादी नेता एवं हुर्रियत कांफ्रेंस के एक धड़े के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी के हैदरपोरा स्थित घर के बाहर पुलिस की तैनाती की गई है। गिलानी को नजरबंद किया गया है।

हुर्रियत के नरम धड़े के नेता मीरवाइज उमर फारूक को उनके घर से ले जाकर पास के निगीन पुलिस स्टेशन में गुरुवार शाम से रखा गया है। फारूक 25 अगस्त 1989 को श्रीनगर की जामा मस्जिद में पुलिस की छापेमारी की याद में अपने समर्थकों को फोन से संबोधित करना चाह रहे थे।

घाटी में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के आठ जुलाई को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद फैली हिंसा में अब तक 69 लोगों की मौत हो चुकी है। डॉक्टर्स एसोसिएशन आफ कश्मीर के प्रवक्ता ने बताया कि बीते सात हफ्ते में 7 हजार आम लोग घायल हुए हैं। इनमें से अधिकांश पैलेट गन से जख्मी हुए हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री कश्मीर की स्थिति की समीक्षा के लिए श्रीनगर के दो दिवसीय दौरे पर थे। उन्होंने गुरुवार को कहा था कि कश्मीरी प्रदर्शनकारियों द्वारा पत्थर फेंके जाने की घटना में 4,000 से अधिक सुरक्षाबल घायल हुए हैं।

राजनाथ ने कश्मीर में शांति की बहाली के लिए अपील की लेकिन अलगाववादी नेताओं के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। राजनाथ ने कहा था कि वह लोकतंत्र, मानवता और सबको साथ लेकर चलने वाली कश्मीरियत में विश्वास रखने वाले किसी भी शख्स के साथ वार्ता के लिए तैयार हैं।

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सपा नेता रामगोपाल यादव ने राम मंदिर को बताया बेकार, कहा- उसका नक्शा ठीक नहीं

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मैनपुरी। समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव के राम मंदिर पर विवादित बयान दिया है जिसपर बवाल मच गया है। रामगोपाल यादव ने कहा कि ‘वो मंदिर तो बेकार का है, मंदिर ऐसे बनाए जाते हैं? मंदिर ऐसे नहीं बनते हैं। पुराने मंदिर देख लीजिए दक्षिण से से लेकर उत्तर तक देख लीजिए। नक्शा ठीक नहीं बना है उसका। वास्तु के लिहाज से ठीक नहीं बनाया गया है।

वहीं उनके बयान पर बीजेपी ने जोरदार पलटवार किया है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, “इंडी अलायंस का असली सनातन विरोधी चेहरा एक बार फिर से उजागर हो गया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर बेकार है। ये ठीक से बना नहीं है। इसका नक्शा ही खराब है. ये यूजलेस है। देख लीजिए, इसका वास्तु ही खराब है। पहले इन लोगों ने राम भक्तों का विरोध किया. फिर राम भक्ति को पाखंड बताया. फिर राम जी के अस्तित्व पर सवाल उठाया और अब राम मंदिर पर ही हमला कर रहे हैं। केवल समाजवादी पार्टी ही नहीं, बल्कि इससे पहले कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को इवेंट बताते हुए कैसे उसका बहिष्कार किया।

राम मंदिर को लटकाना, अटकाना, भटकाना ये कांग्रेस पार्टी ने लगातार किया है। वहीं, आरजेडी ने कहा कि राम मंदिर गुलामी की निशानी है. रामचरित मानस पर इन लोगों ने हमला किया और अब ये लोग किस तरह से राम मंदिर पर अपमानजनक टिप्पणी कर रहे हैं. करोड़ों राम भक्तों ने किस तरह से सैकड़ों वर्षों तक इंतजार किया, तब जाकर राम मंदिर बना, लेकिन आज वो कह रहे हैं कि राम मंदिर बेकार है।

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा , “क्या किसी और धर्म स्थल के बारे में वो ऐसा बोलेंगे। कतई नहीं बोला जा सकता और ना ही बोला जाना चाहिए, लेकिन केवल हिंदुओं को गाली देना इनका काम है ताकि वोट बैंक की थाली सजी रहे। कभी राहुल गांधी कहते हैं कि मैं शक्ति का विरोध कर रहा हूं। उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि सनातन एक बीमारी है. खरगे जी ने कहा कि राम बनाम शिव करना है। ये आए दिन हिंदू धर्म के बारे में विवादास्पद टिप्पणी करते रहते हैं और अब कहा जा जा रहा है कि राम मंदिर ही बेकार है, उसका ढांचा ही ठीक नहीं है।

 

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