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कश्मीर पर सरकार की चुप्पी पर विपक्ष के सवाल

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सरकार

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सरकारनई दिल्ली| राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों ने सोमवार को जम्मू एवं कश्मीर में जारी तनाव की स्थिति पर चर्चा की मांग की और सरकार से इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह किया। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कश्मीर मुद्दा उठाते हुए कहा, “आज कर्फ्यू लगे एक महीना हो चुका है, सब कुछ थम गया है। मुझे नहीं लगता कि स्वतंत्रता के बाद से किसी भी राज्य में 30 दिन तक कर्फ्यू रहा है। स्कूल, कॉलेज बंद हैं और सचिवालय में लगभग न के बराबर उपस्थिति है।”

और पढ़ें: कश्मीर में कर्फ्यू, प्रतिबंध जारी

उन्होंने कहा, “सरकार और खासतौर पर प्रधानमंत्री मूकदर्शक बने हुए हैं। भारत का ताज धधक रहा है, लेकिन उसकी तपिश दिल्ली में बैठी सरकार तक नहीं पहुंच रही।”

आजाद ने इस मुद्दे पर मौन रहने को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा, “लोग सुनने को बेचैन हैं कि प्रधानमंत्री को कश्मीर पर क्या कहना है। यह सामान्य स्थिति नहीं है। मैं सरकार से सर्वदलीय बैठक बुलाने और कश्मीर में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का आग्रह करता हूं।”

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सीताराम येचुरी ने कश्मीर में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पेलेट गन्स के इस्तेमाल पर सवाल उठाया।

येचुरी ने कहा, “पिछले 30 दिनों से कर्फ्यू है। ऐसी स्थिति में हम चुप कैसे रह सकते हैं? हम पेलेट गन्स का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं? यह अमानवीय है, यह आपराधिक है। यहां तक कि इजरायल भी फिलीस्तीनियों के खिलाफ इसका इस्तेमाल नहीं करता।”

येचुरी ने मुद्दे पर चुप्पी को लेकर भी सरकार की निंदा की।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री चुप रहकर यह संदेश दे रहे हैं कि सरकार को कोई फिक्र नहीं है।”

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के डी. राजा ने भी पेलेट गन्स का इस्तेमाल रोकने की मांग की।

समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता नीरज शेखर ने कहा, “मारे गए युवा भारतीय थे या नहीं? प्रधानमंत्री या गृहमंत्री की ओर से कोई बयान नहीं आया है..हम क्या संदेश दे रहे हैं?”

जनता दल (युनाईटेड) के नेता शरद यादव ने कहा, “इस मुद्दे पर सरकार की चुप्पी से तकलीफ हो रही है।”

विपक्ष के प्रहार के बाद संसदीय मामलों के राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर बहस के लिए तैयार है।

नकवी ने कहा, “हम कश्मीर में शांति चाहते हैं..और कश्मीर की जनता ने बार-बार उन सत्ताओं को हराया है, जिन्होंने भी शांति भंग करने की कोशिश की है। हम इस मुद्दे पर बहस के लिए तैयार हैं।”

नेशनल

पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

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श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

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