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अन्तर्राष्ट्रीय

सीरिया के अलेप्पो में विद्रोहियों की गोलाबारी में 30 की मौत

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सीरिया के अलेप्पो में विद्रोहियों की गोलाबारी में 30 की मौत

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सीरिया के अलेप्पो में विद्रोहियों की गोलाबारी में 30 की मौतदमिश्क| सीरिया के अलेप्पो शहर में सरकार के नियंत्रण वाले इलाकों में विद्रोहियों की गोलाबारी में 30 नागरिकों की मौत हो गई और 210 अन्य घायल हो गए।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, विद्रोही रविवार से अलेप्पो के पश्चिमी हिस्से में सरकार के नियंत्रण वाले इलाकों में रॉकेट और मोर्टरों से भीषण हमले कर रहे थे।

विद्रोहियों ने ये हमले अलेप्पो शहर के पूर्वी हिस्से में सरकारी घेराबंदी तोड़ने के लिए किए। गोलीबारी करने वालों में मुख्य रूप से नुसरा फ्रंट के नाम से मशहूर जैश अल-फतह और जभेत फतह अल-शाम शामिल रहे।

‘सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ‘ राइट्स’ ने कहा कि रविवार को विद्रोहियों द्वारा अलेप्पो में किए गए आक्रमण के दौरान कब्जे में लिए गए कई ठिकानों पर सोमवार को सीरियाई सेना ने फिर से कब्जा कर लिया है।

अल-फतह ने रविवार को एक वीडियो में अलेप्पो में सीरियाई सेना को आगे बढ़ने को रोकने के लिए एक बड़ा हमला करने की घोषणा की थी।

सीरियाई सेना ने पिछले सप्ताह पूर्वी अलेप्पो में विद्रोहियों के एक प्रमुख गढ़ बानी जैद इलाके में धावा बोला था।

सीरियाई सेना ने पूर्वी अलेप्पो को पूरी तरह से घेर लिया है और विद्रोहियों को आत्मसमर्पण करने तथा नागरिकों से सहयोग करने का आग्रह किया है।

सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद ने आत्मसमर्पण करने वाले विद्रोहियों को क्षमादान देने की घोषणा की है।

सीरियाई प्रशासन ने रूस के सहयोग से नागरिकों के लिए पूर्वी अलेप्पो छोड़ने के लिए तीन सुरक्षित मार्ग खोले हैं। साथ ही जो विद्रोही आत्मसमर्पण करना चाहते हैं, उनके लिए एक चौथा मार्ग खोला गया है।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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