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अन्तर्राष्ट्रीय

चीन के राष्ट्रपति शी पोलैंड के राजकीय दौरे पर

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चीन के राष्ट्रपति शी पोलैंड के राजकीय दौरे पर

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चीन के राष्ट्रपति शी पोलैंड के राजकीय दौरे पर

वॉरसा। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने तीन देशों के यूरेशिया दौरे के दूसरे पड़ाव के तहत रविवार को पोलैंड पहुंच गए। शी की इस यात्रा का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों और यूरोप के साथ चीन के संबंधों को मजबूत बनाना है। यह पिछले 12 वर्षो में किसी चीनी राष्ट्रपति का पोलैंड का पहला राजकीय दौरा है। इससे पहले वह 17 से 19 जून तक सर्बिया के दौरे पर थे।शी का विमान जैसे ही पोलैंड के हवाई क्षेत्र में पहुंचा, यहां के लड़ाकू जेट ने सुरक्षा उद्देश्य से उन्हें चारों ओर से घेर लिया। शी और उनकी पत्नी पेंग लियुआन का स्वागत करने के लिए पोलैंड के विदेश मंत्री विटोल्ड वाशजिकोवस्की हवाई अड्डे पर मौजूद रहे।

शी की इस यात्रा के दौरान दोनों पक्षों में वित्त, नागरिक उड्डयन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में समझौते होने की उम्मीद है। शी के अनुसार चीन, पोलैंड के साथ संबंधों को काफी महत्व देता है। साथ ही चीन पारंपरिक दोस्ती को मजबूत करने, सभी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने और द्विपक्षीय संबंधों को एक नई ऊंचाई देने की उम्मीद करता है।वॉरसा में अपने प्रवास के दौरान शी पोलैंड के राष्ट्रपति एंड्रेज डूडा के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने पर बातचीत करेंगे। पोलैंड दौरे के बाद शी उज्बेकिस्तान के राजकीय दौरे पर जाएंग, जहां वह शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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