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सॉफ्टवेयर बताएगा जलाशयों में कितना पानी

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सॉफ्टवेयर बताएगा जलाशयों में कितना पानी : एकान्त प्रिय चौहान

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सॉफ्टवेयर बताएगा जलाशयों में कितना पानी : एकान्त प्रिय चौहान

रायपुर। बरसात के दिनों में बांधों और जलाशयों में जलभराव की जानकारी देने के लिए जल संसाधन विभाग ने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के सहयोग से रीयल टाइम एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर ‘नीरनिधि’ तैयार किया है। कम्प्यूटर और एंड्रायड मोबाइल पर संचालित यह सॉफ्टवेयर तुरंत ही बता देगा कि जलाशयों में अभी कितना पानी है। छत्तीगढ़ के कृषि और जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने गुरुवारको इस सॉफ्टवेयर का शुभारंभ किया। उन्होंने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि कम्प्यूटर पर इस सॉफ्टवेयर की मदद से रीयल टाइम के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जा सकेगी। इसमें ग्राफ और प्रतिदिन जल भराव की स्थिति के लिए रजिस्टर भी तैयार किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इससे जलाशयों में जलभराव की स्थिति तत्काल मिल जाएगी। बाढ़ की स्थिति में इस सॉफ्टवेयर की मदद से जलाशयों से छोड़ गए जल की मात्रा की सूचना जलाशयों के निचले भागों में स्थित नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को भी प्राप्त हो सकेगी। बाढ़ नियंत्रण में लगे विभागीय अधिकारियों को इस एप्लीकेशन के जरिए तत्काल सूचना मिलेगी।अग्रवाल ने बताया कि इस मोबाइल एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के जरिए 43 जलाशयों की जानकारी सीधे जलाशय स्थल से मिल जाएगी। भविष्य में इस एप्लोकेशन द्वारा लघु जलाशयों तथा कैनाल सिस्टम में जल स्तर, जल की मात्रा की निगरानी के लिए भी उपयोग किए जाने की योजना है, जिससे जलाशयों एवं नहरों द्वारा जल प्रबंधन में विभाग को सहायता मिलेगी।

जल संसाधन विभाग के सचिव गणेश शंकर मिश्रा ने कहा कि वर्तमान में जलाशयों में जलभराव के आंकड़ों की जानकारी पत्रवाहक अथवा टेलीफोन से कार्यालयों को भेजी जाती रही है। उनका संकलन मुख्य अभियंता स्तर पर किए जाने के बाद प्रमुख अभियंता स्तर पर संकलित किया जाता है। इस कार्य में 6 से 8 घंटे का समय लगता है। उन्होंने कहा कि अतिवर्षा के दौरान नदियों के जलस्तर बढ़ने की सूचना भी कठिनाई से मिल पाती थी। इन्हीं सब परेशानियों के चलते यह सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है।

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इस्कॉन के चेयरमैन गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज का निधन, देहरादून के अस्‍पताल में थे भर्ती

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देहरादून। इस्‍कॉन इंडिया की गवर्निंग काउंसिल के अध्‍यक्ष गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज का रविवार को निधन हो गया। हृदय संबंधी बीमारी के चलते उन्‍हें तीन दिन पहले देहरादून के सिनर्जी अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्‍होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से भक्तों में शोक की लहर है।

इस्कॉन मंदिर के डायरेक्टर कम्युनिकेशन इंडिया बृजनंदन दास ने बताया कि 5 मई को शाम 4 बजे नई दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित मंदिर में दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज दो मई को दूधली स्थित मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां वह अचानक फिसलकर गिर गए थे। इससे उन्हें चोट लगी थी। उनका तीन दिनों से सिनर्जी अस्पताल में इलाज चल रहा था। भक्त उनके आखिरी दर्शन दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में कर सकेंगे। सोमवार को उनकी देह को वृंदावन ले जाया जाएगा। इसका समय अभी तय नहीं हुआ है।

 

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