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मुख्य समाचार

महबूबा ने सरकार गठन का दावा पेश किया

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पीडीपी भाजपा सरकार, राज्यपाल से मिल सरकार बनाने का दावा पेश, पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती और भाजपा नेता निर्मल सिंह

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पीडीपी भाजपा सरकार, राज्यपाल से मिल सरकार बनाने का दावा पेश, पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती और भाजपा नेता निर्मल सिंह

जम्मू| जम्मू एवं कश्मीर में सरकार गठन की प्रक्रिया शनिवार को शुरू हो गई। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने राजभवन में राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया, जिसका भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने समर्थन किया। राज्यपाल से मुलाकात के बाद महबूबा तथा भाजपा विधायक दल के नेता निर्मल सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य में अगली निर्वाचित सरकार के गठन का दावा पेश करने के बाद गठबंधन के दोनों घटक दलों द्वारा सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई। राजभवन से बाहर आने के बाद महबूबा मुफ्ती ने संवाददाताओं से कहा, “हमारी सरकार नए उत्साह के साथ मुफ्ती मोहम्मद सईद के सपनों को साकार करेगी। मुफ्ती साहब की विकास व शांति के सपने को मेरे नेतृत्व वाली सरकार पूरा करेगी।” यह पूछे जाने पर कि विभागों के बंटवारे को लेकर दोनों पार्टियों के बीच क्या किसी तरह के मतभेद हैं, उन्होंने कहा, “विभाग महत्वपूर्ण नहीं हैं। जो भी समस्या होगी, हम मिलकर सुलझा लेंगे।”

वहीं निर्मल सिंह ने कहा कि पार्टी ने महबूबा मुफ्ती के सरकार गठन के दावे का समर्थन किया है और राज्य में नई सरकार जल्द ही सत्ता संभाल लेगी। शपथ ग्रहण समारोह की तारीख के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह के लिए अभी कोई तारीख तय नहीं की गई है, अगले दो से तीन दिनों में दोनों पार्टियां मिलकर इस पर फैसला लेंगी। पीडीपी विधायकों द्वारा गुरुवार को पीडीपी अध्यक्ष महबूबा को विधायक दल का नेता चुनने के बाद सरकार गठन के लिए दावा पेश करने का उनका रास्ता साफ हो गया था। पीडीपी के पास 27 विधायक हैं (मुफ्ती मोहम्मद सईद को मिलाकर कुल 28 थे) और पार्टी को एक निर्दलीय विधायक भी समर्थन दे रहे हैं, जो लद्दाख क्षेत्र से विधायक हैं। उधर, भाजपा के पास 25 विधायक हैं और तीन अन्य विधायक उसे समर्थन दे रहे हैं। इनमें से दो पीपुल्स कान्फ्रेंस के और एक निर्दलीय हैं। जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में कुल 87 सीटें हैं। जम्मू एवं कश्मीर में आठ जनवरी से ही राज्यपाल शासन है। नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के एक दिन बाद से ही राज्य में राज्यपाल शासन है।

नेशनल

मोदी कैबिनेट: 71 सांसदों ने ली मंत्रिपद की शपथ, जातिगत समीकरण का रखा गया खास ध्यान

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नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बन चुके हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई। मोदी के साथ-साथ 71 सांसदों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। इन 71 मंत्रियों में से 30 से कैबिनेट मंत्री, 5 स्वतंत्र प्रभार वाले और 36 ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली है। इनमें 27 ओबीसी से हैं जबकि 10 एससी वर्ग से आते हैं।

इसके साथ-साथ मोदी कैबिनेट में 18 सीनियर नेताओं को भी जगह दी गई है। दो पूर्व सीएम को भी मोदी सरकार में शामिल किया गया है। इसके साथ-साथ एनडीए सहयोगी दलों के कई सीनियर नेताओं को भी मंत्री बनाया गया है। बीजेपी ने जातिगत समीकरण को ध्‍यान में रखते हुए कैबिनेट का बंटवारा किया है। यहां जानें कौन से मंत्री किस वर्ग से हैं।

सवर्ण- अमित शाह, एस जयशंकर, मनसुख मांडविया, राजनाथ सिंह, जितिन प्रसाद, जयंत चौधरी, धर्मेन्‍द्र प्रधान, रवणीत बिट्टू, नितिन गड़करी, पीयूष गोयल, मनोहर लाल खट्टर, जितेंद्र सिंह, गजेंद सिंह शेखावत, संजय सेठ, राम मोहन नायडू, सुकांत मजूमदार, प्रह्लाद जोशी, जे पी नड्डा, गिरिराज सिंह, ललन सिंह, सतीश चंद्र दुबे शामिल हैं.

ओबीसी- सीआर पाटिल, पंकज चौधरी, अनुप्रिया पटेल, बीएल वर्मा, रक्षा खड़से, प्रताप राव जाधव, शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, राव इंद्रजीत सिंह, कृष्णपाल गुर्जर, भूपेंद्र यादव, भगीरथ चौधरी, अन्नपूर्णा देवी, शोभा करंदलाजे, एचडी कुमारस्वामी, नित्यानन्द राय शामिल हैं.

दलित- एस पी बघेल, कमलेश पासवान, अजय टम्टा, रामदास आठवले, वीरेंद्र कुमार, सावित्री ठाकुर, अर्जुन राम मेघवाल, चिराग़ पासवान, जीतन राम मांझी, रामनाथ ठाकुर शामिल हैं.

आदिवासी- जुएल ओराम, श्रीपद येसो नाइक, सर्वानंद सोनोवाल शामिल हैं.

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