मुख्य समाचार
पीडीपी, भाजपा राज्यपाल से मिल सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे
जम्मू| जम्मू एवं कश्मीर में सरकार गठन के लिए पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता शनिवार को राज्यपाल एन.एन.वोहरा से मिलकर दावा पेश करेंगे। पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती और भाजपा नेता निर्मल सिंह शनिवार को राज्यपाल से मुलाकात करेंगे। सूत्र ने बताया, “वे यहां अपराह्न 3.30 बजे राज्यपाल से मिलेंगे। महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में सरकार बनाने के लिए राज्यपाल को एक पत्र सौंपेंगी, जबकि निर्मल सिंह पीडीपी को समर्थन देने के लिए पत्र सौपेंगे।”
सूत्र ने बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव और महबूबा मुफ्ती के बीच शुक्रवार रात को बैठक हुई, जिसमें यह फैसला लिया गया कि वे शनिवार को राज्यपाल वोहरा से मिलेंगे। राज्य की 87 सदस्यीय विधानसभा में पीडीपी के पास 27 विधायक (मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद के निधन से पहले 28 थे) हैं। लद्दाख क्षेत्र का एक निर्दलीय विदायक भी पीडीपी को समर्थन दे रहा है। भाजपा के पास राज्य में 25 विधायक हैं। सज्जाद लोन की अध्यक्षता में पीपुल्स कांफ्रेंस (पीसी) के दो विधायकों और एक निर्दलीय विधायक का भी भाजपा को समर्थन है। गौरतलब है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद के निधन के एक दिन बाद आठ जनवरी को राज्य में राज्यपाल शासन लगाया गया।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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