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भारत-चीन संबंधों का वैश्विक महत्व : प्रणब

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नई दिल्ली| चीन के उपराष्ट्रपति ली युआनचाओ से मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारत और चीन का संबंध क्षेत्रीय व वैश्विक तौर पर महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, ली ने मुखर्जी से शुक्रवार को मुलाकात की और भारत तथा चीन के बीच संबंधों की समीक्षा की।

मुखर्जी ने कहा कि ली भारत का दौरा करने वाले चीन के पहले उपराष्ट्रपति हैं।

दोनों देशों ने उच्चस्तर पर राजनीतिक आदान-प्रदान में विस्तार किया है। दो उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच के संबंध क्षेत्रीय व वैश्विक तौर पर महत्वपूर्ण है। भारत-चीन के बीच व्यापार अब 70.59 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने ‘मेक इन इंडिया’ अभियान में हिस्सा लेनेवाली चीनी कंपनियों का स्वागत किया है।

ली ने राष्ट्रपति की भावनाओं को दोहराया और कहा कि दोनों देशों के बीच प्रगाढ़ संबंधों से न सिर्फ दोनों को फायदा होगा, बल्कि एशिया को आगे ले जाने में मदद मिलेगी। उन्होंने भारत के तीव्र विकास के लिए बधाई देते हुए कहा कि चीन सभी क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

राष्ट्रपति के साथ बैठक से पहले ली ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।

बयान के मुताबिक, बैठक के दौरान मोदी ने पिछले साल चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत दौरे और इस साल मई में अपनी चीन यात्रा का स्मरण किया।

मोदी ने कहा कि भारत और चीन के पास अपने आर्थिक और विकासात्मक साझेदारी में बढ़ोतरी की असीम क्षमता है और सहयोग के लिए उन्होंने रेलवे, स्मार्ट सिटी, बुनियादी सुविधाओं व शहरी परिवहन पर प्रकाश डाला।

मंगलवार को महाराष्ट्र के औरंगाबाद पहुंचे ली ने कोलकाता का भी दौरा किया, गुरुवार रात दिल्ली पहुंचने से पहले उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से मुलाकात की।

ली शनिवार को चीन के लिए रवाना हो रहे हैं।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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