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अन्तर्राष्ट्रीय

बेंगलुरू कैब चालकों के लिए पृष्ठभूमि जांच अनिवार्य

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बेंगलुरू| बेंगलुरू में पुलिस ने नागरिकोंे की सुरक्षा सुनिश्चित करने की ओर पहल करते हुए मंगलवार को सभी कैब चालकों के लिए पृष्ठभूमि जांच अनिवार्य कर दिया।

एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि शहरवासियों खासकर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है, जो शहर में कहीं आने जाने के लिए टैक्सी या कैब सेवा का इस्तेमाल करते हैं।

बेंगलुरू के पुलिस आयुक्त एम. एन. रेड्डी ने संवाददाताओं को बताया, “हमने शहर में सभी टैक्सी संचालकों को निर्देश जारी किए हैं कि अपने चालकों की पृष्ठभूमि की जांच कर लें और हमारे द्वारा जांच के सत्यापन हुए बिना किसी भी चालक को काम पर न रखें।”

यह फैसला राजधानी दिल्ली में पांच दिसंबर को एक कैब चालक द्वारा एक महिला के साथ दुष्कर्म की घटना के प्रकाश में आने के बाद राज्य परिवहन आयुक्त रामगौड़ा और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एक बैठक में लिया गया।

रेड्डी ने कहा, “कैब संचालक और टैक्सी मालिक यदि किसी चालक की पृष्ठभूमिक की जांच पड़ताल किए बिना उसे काम पर रखते हैं, तो इसके लिए वे जवाबदेह होंगे।”

उन्होंने कहा, “कैब संचालकों और टैक्सी मालिकों को अपने सभी चालकों की एक सूची क्षेत्र के पुलिस थाने में सौंपनी होगी, जिसमें चालकों की पृष्ठभूमि, उनका ड्राइविंग लाइसेंस, स्थाई और अस्थाई पता, शैक्षणिक योग्यता, मोबाइल नम्बर और स्वास्थ्य संबंधी भी जानकारियां शामिल होगी।”

रेड्डी ने कैब संचालकों और टैक्सी मालिकों को आगाह किया है कि यदि कोई ग्राहक या उपभोक्ता उनके चालकों के खिलाफ बुरे बर्ताव, तेज गाड़ी चलाने, गलत शब्द बोलने और आपराधिक व्यवहार जैसी गंभीर शिकायत दर्ज करता है, तो परिवहन विभाग उनके लाइसेंस रद्द कर देगा।

इस बीच, रामगौड़ा ने भी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों (आरटीओ) को निर्देश दिया है कि शहर में कैब चालकों की नियमित जांच हो और यदि चालक के पास पर्याप्त दस्तावेज न मिलें तो उसे उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाए।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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