अन्तर्राष्ट्रीय
कोरिया परिवार पुनर्मिलन के लिए करेगा पुष्टिपत्र की अदला-बदली
सियोल| उत्तर और दक्षिण कोरिया परिवार के पुनर्मिलन के लिए आवेदन देने वाले लोगों के जीवित होने की पुष्टि करने के लिए पत्रों का आदान-प्रदान करेंगे। परिवार पुनर्मिलन का आवेदन देने वाले लोग 1950-53 के कोरियाई युद्ध में अपने परिवार से बिछड़ गए थे।
सियोल के एकीकरण मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि सियोल और प्योंगयांग उत्तरी कोरिया के सुंदर रिसोर्ट ‘माउंट कुमगांग’ में 20 से 26 अक्टूबर तक बिछड़े परिवारों के पुनर्मिलन के आयोजन के लिए राजी हो गए। एकीकरण मंत्रालय के प्रवक्ता जियोंग-ही ने कहा कि उत्तर और दक्षिण कोरिया सोमवार को प्रतिक्रिया पत्र की अदला-बदली करेंगे, इससे यह स्पष्ट किया जाएगा कि परिवार पुनर्मिलन का आवेदन भरने वाले लोग अब भी जीवित हैं या नहीं। आवेदकों के जीवित होने का पता लगाने तथा जीवित आवेदकों से पुनर्मिलन कार्यक्रम में शामिल होने की रुचि जानने के बाद उत्तर और दक्षिण कोरिया गुरुवार को कार्यक्रम में शामिल होने वाले 100 लोगों की अंतिम सूची तैयार करेगा।
1950-53 के कोरियाई युद्ध में लाखों कोरियाई लोग अपने परिवार से बिछड़ गए थे। युद्ध के बाद जनसंचार पर प्रतिबंध लगा दिया गया।दक्षिण कोरिया के लगभग 66,000 लोग पुनर्मिलन कार्यक्रम की प्रतीक्षा सूचि में हैं, लेकिन इस कार्यक्रम में विभाजित परिवारों को एक बहुत सीमित संख्या में शामिल होने की अनुमति दी गई है।
अन्तर्राष्ट्रीय
जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत
नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।
इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।
उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।
डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
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