नेशनल
कांग्रेस की अगुवाई में सात विपक्षी दलों ने वेकैंया नायडू को सौंपा प्रधान न्यायाधीश को हटाने के लिए महाभियोग प्रस्ताव
कांग्रेस की अगुवाई में सात विपक्षी दलों ने शुक्रवार को राज्यसभा के सभापति एम.वेकैंया नायडू को प्रधान न्यायाधीश को हटाने के लिए महाभियोग प्रस्ताव सौंपा।
We have moved an impeachment motion seeking the removal of CJI Dipak Misra: Ghulam Nabi Azad after meeting Vice President Venkaiah Naidu pic.twitter.com/h5QSh7Y4vc
— ANI (@ANI) April 20, 2018
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने उपराष्ट्रपति से मुलाकात के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, हमने पांच सूचीबद्ध आधारों के तहत प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा को हटाने के लिए एक महाभियोग प्रस्ताव सौंपा है।
#WATCH: Opposition leaders address media after meeting Vice President M Venkaiah Naidu over issue of impeachment mo… https://t.co/NFucikvOdj
— ANI (@ANI) April 20, 2018
उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रस्ताव पेश करते हुए इसकी योग्यता पर चर्चा नहीं की, उन्होंने केवल आग्रह किया कि ‘यह हमारा प्रस्ताव है और इसके लिए संविधान के तहत जरूरी पर्याप्त संख्या है।’
71 MPs had signed the impeachment motion (against CJI) but as 7 have retired the number is now 64. We have more than the minimum requirement needed to entertain the motion and we are sure that the Hon Chairman will take action: Ghulam Nabi Azad after meeting Vice President pic.twitter.com/QYLGXjInjU
— ANI (@ANI) April 20, 2018
उन्होंने कहा कि सात राजनीतिक दलों की तरफ से 71 सांसदों ने महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन इनमें से सात सेवानिवृत्त हो चुके हैं इसलिए यह संख्या अब 64 हो गई है।
प्रधान न्यायाधीश की महाभियोग प्रक्रिया को मीडिया से दूर रखने पर मदद मांगी
सर्वोच्च न्यायालय ने प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रक्रिया से मीडिया को दूर रखने के मामले में महान्यायवादी के. के. वेणुगोपाल से मदद मांगी है। संभव है कि संसद में प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ यह प्रक्रिया चलाई जा सकती है। न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि महान्यायवादी को सुनने से पहले मीडिया को प्रतिबंधित नहीं किया जाएगा और कोई आदेश पारित करने से मना कर दिया।
सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीशों द्वारा प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए जाने के मद्देनजर विपक्षी पार्टियां महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही हैं।
एनजीओ इन परसूट ऑफ जस्टिस की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने पीठ को बताया कि विधि आयोग ने पहले ही एक रिपोर्ट दी है, जिसमें इस मुद्दे से मीडिया को दूर रखने के सुझाव दिए गए है।
उन्होंने कहा, “ऐसा संवैधानिक प्रावधान भी है, जो मीडिया को महाभियोग पर लिखने से रोकता है क्योंकि यह न्यायाधीश को न्यायिक कार्यवाही करने में प्रभावित करेगा।”
उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों को निडर होकर काम करना होता है। राजनेता इस मामले के बारे में बात कर रहे हैं और मीडिया कवरेज कर रही है जो न्यायपालिका के कामकाज को प्रभावित कर रहा है।
न्यायपालिका के सदस्य के खिलाफ राजनेताओं के बयानों के संदर्भ में न्यायमूर्ति सीकरी ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है। जो हो रहा है, उससे हम सब परेशान हैं। सांसदों को भी नियमों का पालन करना चाहिए।”
न्यायालय इस मामले में सात मई को सुनवाई करेगा।
इनपुट आईएएनएस
नेशनल
पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी
कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।
पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।
उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।
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