Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

इराक में विदेशी थल सेना को प्रवेश की अनुमति नहीं

Published

on

Loading

बगदाद| इराकी रक्षा मंत्री खालिद अल-उबैदी ने मंगलवार को कहा कि उनका देश आतंकवाद से लड़ने के लिए किसी भी विदेशी थल सेना को देश में प्रवेश देने की अनुमति नहीं देगा। उन्होंने कहा कि इराकी सेना आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) को देश से हटाने में कामयाब रहेगी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, उबैदी ने बगदाद से 350 किलोमीटर दूर धी कार में इराकी सुरक्षा बलों के एक समूह के स्नातक समारोह के बाद कहा, “इराकी सरकार इराक में किसी विदेशी थल सेना को प्रवेश की अनुमति नहीं देगी। जमीनी अभियान इराकी सेना द्वारा ही अच्छी तरीके से कर लिए जाएंगे।”

उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय संगठन ने उत्तरी और पश्चिमी इराक में आईएस आतंकवादियों के बहुत से ठिकानों पर बहुत से हवाई हमले किए, लेकिन अधिकतर प्रभावी हमले इराकी वायु सेना ने ही किए थे।

खालिद का यह बयान अमेरिकी रक्षा सचिव चक हेगेल के सोमवार के एक बयान की प्रतिक्रिया में आया, जिसमें हेगल ने कहा था कि अगर इराक आधिकारिक रूप से निवेदन करता है कि तो अमेरिका सुन्नी चरमपंथी आतंकवादियों से मुकाबले कि लिए इराक में थल सेना भी भेज सकता है।

इराक में 10 जून को इराकी सुरक्षा बलों और सैकड़ों आईएस आतंकवादियों के बीच हुए खूनी संघर्ष के बाद से स्थिति बिगड़नी शुरू हो गई है। सेना द्वारा नीनवे और अन्य सुन्नी राज्यों में अपनी चौकियां छोड़ देने के बाद से आईएस इराक के उत्तरी शहर मोसुल और कई अन्य क्षेत्रों पर कब्जा कर चुका है।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

Published

on

Loading

नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

Continue Reading

Trending