Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

गिरजाघरों पर हमले सांप्रदायिक नहीं : उदित राज

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दलित नेता उदित राज ने कहा कि हाल के दिनों में गिरजाघरों पर हुए हमलों का सांप्रदायिकता से कोई लेना-देना नहीं है।

उदित राज ने एक साक्षात्कार में कहा, “कुछ तत्व हैं जो सरकार को बदनाम करने की नीयत से यह काम करते हैं।”

उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि इन हमलों का सांप्रदायिकता से कोई संबंध है।

उदित राज से जब पूछा गया कि मोदी सरकार ने ईसाइयों के बीच विश्वास पैदा करने के लिए क्या किया, खास तौर से वृद्ध नन के साथ दुष्कर्म जैसी वारदात के बाद तो उन्होंने कहा कि सरकार हर किसी को सुरक्षित रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा, “चाहे वह ईसाई हो अथवा कोई और केंद्र सरकार सभी के लिए है और हम सभी की सुरक्षा के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं।”

कुछ कट्टरपंथी हिदू संगठनों द्वारा ‘घर वापसी’ अभियान चलाकर मुस्लिमों को हिंदू धर्म में परिवर्तित कराने के सवाल पर उदित राज ने कहा, “इसमें कोई भी सरकारी एजेंसी संलिप्त नहीं थी और यह सभी गलत कारणों से सुर्खियों में रहा था।”

उदित ने कहा, “हमारा नेतृत्व चिंतित है और इस तरह के कदमों से सरकार की छवि को नुकसान न पहुंचे इसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर सरकार के मत को पहले ही स्पष्ट कर दिया है।

उत्तर-पश्चिमी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से भाजपा सांसद और ऑल इंडिया कन्फेडरेशन ऑफ एससी/एसटी ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष उदित राज ने कहा, “इस तरह की गतिविधियों में जो लोग शामिल हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

उनसे जब पूछा गया कि क्या हिंदुत्ववादी समूहों को यह अहसास हो गया है कि जातिगत भेदभाव के कारण धर्मपरिवर्तन हुए थे तो उन्होंने कहा कि कुछ कारणों से लोगों ने धर्म परिवर्तन किया था।

उन्होंने कहा, “निरक्षरता और अन्य समस्याओं के कारण ऐसी स्थिति बनी।”

दलित नेता उदित से छुआछूत और अन्य इसी तरह की समस्याओं से निपटने के उपायों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि इस तरह के मुद्दों के लिए संयुक्त दृष्टिकोण की जरूरत है जिसमें सभी शामिल हों।

उन्होंने कहा, “सरकार अकेले सब कुछ नहीं कर सकती। दलितों का जीवन बेहतर बनाने के लिए हर किसी को आगे आना होगा।”

उन्होंने कहा, “वास्तव में सरकार सामाजिक व्यवस्था को नहीं बदल सकती। स्कूल, कॉलेज, मीडिया सभी को आगे आना पड़ेगा ताकि देश में दलितों के जीवन को बेहतर बना सके।”

उदित राज ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रित गठबंधन (राजग) की सरकार दलितों और गरीबों की स्थिति बेहतर बनाने के लिए प्रयास कर रही है।

इस साल के बाद बिहार और 2017 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिए दलितों के समर्थन के सवाल पर उन्होंने कहा, “दलितों को अब यह एहसास हो गया है कि कौन उनका सच्चा शुभचिंतक है।”

उन्होंने कहा, “दलितों का भाजपा को समर्थन बढ़ा है तथा हम इसे और आगे बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।”

नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

Continue Reading

Trending