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बिजनेस

31 के बाद ब्लॉक हो जाएंगे पीएनबी के डेबिट कार्ड

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नई दिल्‍ली। पंजाब नेशनल बैंक के ग्राहकों के मायस्त्रो डेबिट कार्ड 31 जुलाई के बाद ब्लॉक हो जाएंगे। बैंक ने यह फैसला ग्राहकों के पैसे की सुरक्षा के मद्देनजर लिया है।

पीटीआई की खबर के मुताबिक, ग्राहकों को अपने पुराने मायस्त्रो डेबिट कार्ड को नए ईएमवी चिप वाले कार्ड्स से बदलवाने होंगे। ऐसा नहीं करने पर पुराने कार्ड ब्लॉक हो जाएगा और सिर्फ नए ईएमवी चिप वाले कार्ड ही काम करेंगे। बैंक इन कार्डों को बदलने के लिए कोई फीस नहीं लेगा। कार्ड बदलने का काम आरबीआई की 2015 में जारी की गई एडवाइजरी को देखते हुए किया जा रहा है।

आरबीआई ने अपनी इस एडवाइजरी में सभी बैंकों को ज्यादा सुरक्षित ईएमवी चिप वाले कार्ड जारी करने को कहा था। कार्ड बदलने के लिए बैंक एसएमएस के जरिए अपने ग्राहकों तक जानकारी पहुंचा रहे हैं।

बैंक ने लगभग 1 लाख ग्राहकों की पहचान की है, जिन्हें अपने कार्ड बदलवाने होंगे। वहीं, पीएनबी के पास लगभग 5.65 करोड़ कार्डधारक होने का अनुमान है। वहीं बैंक के एक अधिकारी ने बताया, “नया फैसला उन ग्राहकों पर लागू नहीं होगा, जिन्होंने एक साल में एक बार भी अपने पुराने मायस्त्रो डेबिट कार्ड का इस्तेमाल नहीं किया है।

नए कार्ड को बनाने में काफी लागत आती है, ऐसे में जिन्होंने सालभर में कोई एक ट्रांजेक्शन भी कार्ड से नहीं की है उन्हें इस फैसले से दूर रखा जाएगा।”
बता दें कि आरबीआई के फैसले के मुताबिक 31 दिसंबर 2018 तक पुराने मैग्नेटिक चिप वाले कार्डों को बदलकर ईएमवी चिप वाले कार्ड जारी करना जरूरी है। वहीं, 31 जनवरी 2016 से ही सभी बैंकों की ओर से नए ईएमवी चिप वाले कार्ड ही जारी करने के निर्देश भी आरबीआई ने दिए थे।

अफसर ने यह भी बताया कि आज ज्यादातर लोग डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं। अधिकारी ने कहा, “युवा आज डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं, 40 साल की उम्र तक के लोग भी कार्ड का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं। ऐसे में वह कार्ड के इस्तेमाल के तरीकों के बारे में अपने बच्चों से सीख सकते हैं।”

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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