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विश्वकर्मा पूजा 2018: इस विधि से करें पूजा, व्यापार मे होगा जबरदस्त फायदा
नई दिल्ली। भगवान विश्वकर्मा को देव शिल्पी कहा जाता है। 17 सितंबर को पूरे देश में विश्वकर्मा जयंती मनायी जाती है। भगवान विश्वकर्मा सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा के सातवे पुत्र हैं। इन्होंने द्वापर में द्वारका और कलियुग में जगन्नाथ मंदिर का निर्माण किया है। भगवान विश्वकर्मा ने देवताओं के लिए बहुत से आलीशान भवनों का भी निर्माण किया हैं।
विष्णु पुराण में भगवान विश्वकर्मा को देव बढ़ई कहा गया है। इन्हें दुनिया का सबसे पहला इंजीनियर भी कहा जाता है। ज्योतिर्विद पं दिवाकर त्रिपाठी के अनुसार भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से व्यापार में अधिक तरक्की होती है।
पूजा करने का शुभ मुहूर्त
इस साल का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 17 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक है। अगर आप भगवान विश्वकर्मा की पूजा इस शुभ मुहूर्त पर करेंगे तो आपको ज्यादा लाभ होगा।
पूजा की विधि
पूजा करने से पहले आपको जिस मशीन की पूजा करनी है उसे आप अच्छे से धो कर साफ कर लें। अगर साफ करना मुश्किल है तो उसे अच्छे से पोछ लें। फिर पूजा की समाग्री को इकट्ठा कर लें। उसके बाद पूजा करना शुरु करें। पूजा करने के बाद सबसे पहले प्रसाद को मशीन पर चढ़ाये फिर वहां पर इकट्ठे सभी लोगों में प्रसाद बांटें।
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सुप्रीम कोर्ट का विपक्ष को झटका- नहीं लौटेगा बैलेट पेपर, न EVM और VVPAT का 100 फीसदी मिलान
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम के हर वोट का वीवीपैट पर्ची से मिलान करने की मांग करने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं। बैलट पेपर की मांग वाली भी दो याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं। कोर्ट के इस फैसले से ईवीएम के जरिए डाले गए वोट की वीवीपैट की पर्चियों से शत-प्रतिशत मिलान की मांग को झटका लगा है। ये फैसला जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने सहमति दे दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से साफ हो गया है कि चार को जून जब लोकसभा चुनाव 2024 के लिए वोटों की गिनती होगी तो उस दौरान ईवीएम के हर वोट का वीवीपैट की पर्चियों से मिलान नहीं होगा। आपको बता दें कि कई संगठनों ने यह याचिका दाखिल करके ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों के मिलान की मांग की थी। कोर्ट ने चुनाव आयोग के समक्ष उठाए गए सवालों के जवाबों का संज्ञान लेने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। याचिकाकर्ताओं की तरफ से मांग की गई थी कि ईवीएम पर मतदाताओं का विश्वास बनाये रखने के लिए वीवीपैट की पर्चियों की 100 फीसदी गिनती करवाई जानी चाहिए।
चुनाव आयोग ने ईवीएम को पूरी तरह सुरक्षित बताते हुए कहा कि वीवीपैट की पर्चियां बहुत छोटी और महीन होती हैं। कोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान टिप्पणी की थी कि हर चीज पर अविश्वास नहीं जता सकते। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी से ईवीएम की कार्य-प्रणाली के संबंध में पांच प्रश्न पूछे थे, जिनमें यह प्रश्न भी शामिल है कि क्या ईवीएम में लगे ‘माइक्रोकंट्रोलर’ को फिर से प्रोग्राम किया जा सकता है या नहीं। कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त नीतेश कुमार व्यास ने इससे पहले ईवीएम की कार्य-प्रणाली के बारे में अदालत में प्रस्तुतिकरण दिया था।
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