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जिंदल पॉवर, बाल्को की 4 कोयला ब्लॉकों की बोलियां खारिज

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नई दिल्ली। सरकार ने चार कोयला ब्लॉकों के लिए लगाई गई बोलियों को स्वीकार न करने का निर्णय लिया है। लेकिन पांच अन्य कोयला ब्लॉकों की नीलामी प्रक्रिया आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। ये पांच कोयला ब्लॉक उन ब्लॉकों में शामिल हैं, जिन्हें इस साल फरवरी और मार्च में 33 कोयला ब्लॉकों के लिए चली दो दौर की ई-नीलामी प्रक्रिया के बाद जांच के लिए रखा गया था।

केंद्रीय कोयला सचिव अनिल स्वरूप ने ट्विट कर बताया कि सरकार ने जांच के बाद नौ कोयला ब्लॉकों की नीलामी पर फैसला लिया है। उन्होंने चार कोयला ब्लॉकों का जिक्र करते हुए कहा कि गारे पालमा 4/1, 4/2, 4/3 और तारा कोयला ब्लॉकों के लिए बोलियां स्वीकार नहीं की गई हैं। जिंदल पॉवर ने मार्च में हुई नीलामी के दौरान तारा कोयला ब्लॉक के लिए सबसे अधिक बोली लगाई थी, जबकि फरवरी में गारे पालमा 4/1 कोयला ब्लॉक के लिए बाल्को ने सर्वाधिक बोली लगाई थी। जिंदल पॉवर ने गारे पालमा 4/2 और 4/3 के लिए भी सर्वाधिक बोली लगाई थी। ये सभी कोयला ब्लॉक छत्तीसगढ़ में है।

केंद्रीय कोयला मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि जांच किए गए नौ ब्लॉकों में से पांच ब्लॉक अनुसूची-3 श्रेणी से संबंधित हैं और संचालन के लिए लगभग तैयार हैं, जबकि चार अन्य ब्लॉकों को अनुसूची-2 के तहत सूचीबद्ध किया गया है, जो पहले से ही संचालित हैं।

अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय ने ‘आउटलियर’ नामक एक विश्लेषक औजार के जरिए इसी तरह के अन्य कोयला ब्लॉकों की जीती हुई बोलियों की तुलना के दौरान इस मुद्दे पर विचार किया कि कहीं इन बोलियों के मूल्य अत्यंत कम तो नहीं हैं।

कोयला सचिव स्वरूप ने बोलियों की जांच पर निर्णय के बाद एक ट्विट में कहा, “फिलहाल व्यवसाइयों की गोलबंदी का कोई आरोप नहीं लगा रहा हू।” उन्होंने बाद में कहा, “हम यह देख रहे हैं कि जिस कीमत पर बोलियां लगाई गईं, क्या वह कीमत सरकार के लिए पर्याप्त है, या नहीं। और क्या हमें इससे बेहतर कीमत मिल सकती है।” क्या सरकार इन बोलियों को रद्द कर सकती है, इसके जवाब में उन्होंने सरकार के सामने मौजूद विकल्पों को पेश करते हुए कहा कि सरकार कोयला ब्लॉकों की दोबारा नीलामी करा सकती है, उन्हें राज्यों को आवंटित कर सकती है या फिर सरकारी स्वामित्व वाली कोल इंडिया कंपनी को सौंप सकती है।

नेशनल

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी, मुठभेड़ में दो आतंकियों को किया ढेर

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बारामूला। जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के सोपोर में शुक्रवार को सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच चल रही गोलीबारी में दो आतंकवादी मारे गए, जबकि एक नागरिक और दो सैनिक घायल हो गए। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक लश्कर का डिवीजनल कमांडर उस्मान और आतंक का पर्याय बने लश्कर के मुखौटा संगठन टीआरएफ के कमांडर बासित डार के फंसे होने की संभावना है। रात 12:30 बजे आतंकियों ने घेरा तोड़ भागने का प्रयास किया और उसके बाद दोनों ओर से गोलाबारी शुरू हुई है। बीते 48 घंटे में उत्तरी कश्मीर में आतंकियों व सुरक्षाबल के बीच दूसरी मुठभेड़ है।

इससे पूर्व मंगलवार को बांडीपोरा के रेंजी अरागाम में मुठभेड़ में भी दो सैन्यकर्मी घायल हुए थे। पुलिस को गुरुवार दोपहर बाद पता चला कि स्वचालित हथियारों से लैस दो-तीन आतंकी सोपोर में किसी जगह अपने संपर्क सूत्र से मिलने आए हैं। ये आतंकी चुनाव के दौरान किसी वारदात को अंजाम देने का षड्यंत्र रच रहे हैं। सूचना पर पुलिस ने सोपोर और उसके साथ सटे इलाकों में मुखबिरों को सक्रिय किया। शाम सात बजे के करीब जब सुरक्षाबल तलाशी लेते हुए चक मोहल्ले में आगे बढ़ रहे तो मस्जिद से कुछ ही दूरी पर स्थित एक मकान में छिपे आतंकियों ने उन पर फायरिंग करते हुए भागने का प्रयास किया।

जवानों ने जवाबी फायर कर आतंकियों को मुठभेड़ में उलझा लिया। जवानों ने आतंकियों की गोलीबारी के बीच ही आसपास के मकानों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। दावा किया जा रहा है कि इस दौरान फारूक अहमद नामक एक स्थानीय नागरिक के कंधे पर गोली लगी, जिससे वह जख्मी हो गया। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वह एक लैब टैक्निशियन है। इस भिड़ंत में सेना ने दो आतंकियों को मार गिराया है

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