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मुख्य समाचार

यही है वो मुजरिम जिसकी वजह से दुनिया की सबसे शक्तिशाली सूक्ष्मदर्शी हुई खराब

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जापान के ओसाका क्षेत्र में 18 जून को आए शक्तिशाली भूकंप के कारण दुनिया का सबसे हाई रिजोल्यूशन वाली सूक्ष्मदर्शी क्षतिग्रस्त हो गई है।

ओसाका यूनिवर्सिटी के शोध विभाग के निदेशक हिदेहीरो यसुदा ने कहा, “अल्ट्रा-हाई वोल्टेज इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप (यूएचवीईएन) जो ओसाका यूनिवर्सिटी के एक शोध केंद्र का पूरा कमरा घेरता है, भूकंप के कारण उसके सर्किट बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं।”

यसुदा के अनुसार, “तूफान से हुए नुकसान के कारण विभाग में शोध लगभग छह महीनों के लिए प्रभावित हो गया है।”

जापान के ओसाका में सोमवार को रिक्टर पैमाने पर 6.1 तीव्रता के भूकंप में तीन लोगों की मौत हो गई जबकि 50 घायल हो गए। भूकंप के बाद ओसाका में लगभग 170,000 घरों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई थी। एनएचके के मुताबिक, ओसाका और ताकात्सुकी में कई इमारतें ढह गई। ओसाका, शिगा, क्योतो और नारा में हाईस्पीड बुलेट ट्रेन और स्थानीय रेल सेवाएं बाधित हुई। भूकंप में पांच लोगों की मौत हुई थी।

नेशनल

सुप्रीम कोर्ट का विपक्ष को झटका- नहीं लौटेगा बैलेट पेपर, न EVM और VVPAT का 100 फीसदी मिलान

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम के हर वोट का वीवीपैट पर्ची से मिलान करने की मांग करने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं। बैलट पेपर की मांग वाली भी दो याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं। कोर्ट के इस फैसले से ईवीएम के जरिए डाले गए वोट की वीवीपैट की पर्चियों से शत-प्रतिशत मिलान की मांग को झटका लगा है। ये फैसला जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने सहमति दे दिया है।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से साफ हो गया है कि चार को जून जब लोकसभा चुनाव 2024 के लिए वोटों की ग‍िनती होगी तो उस दौरान ईवीएम के हर वोट का वीवीपैट की पर्च‍ियों से म‍िलान नहीं होगा। आपको बता दें क‍ि कई संगठनों ने यह याच‍िका दाख‍िल करके ईवीएम और वीवीपैट की पर्च‍ियों के म‍िलान की मांग की थी। कोर्ट ने चुनाव आयोग के समक्ष उठाए गए सवालों के जवाबों का संज्ञान लेने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। याचिकाकर्ताओं की तरफ से मांग की गई थी कि ईवीएम पर मतदाताओं का विश्वास बनाये रखने के लिए वीवीपैट की पर्चियों की 100 फीसदी गिनती करवाई जानी चाहिए।

चुनाव आयोग ने ईवीएम को पूरी तरह सुरक्षित बताते हुए कहा कि वीवीपैट की पर्चियां बहुत छोटी और महीन होती हैं। कोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान टिप्पणी की थी कि हर चीज पर अविश्वास नहीं जता सकते। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी से ईवीएम की कार्य-प्रणाली के संबंध में पांच प्रश्न पूछे थे, जिनमें यह प्रश्न भी शामिल है कि क्या ईवीएम में लगे ‘माइक्रोकंट्रोलर’ को फिर से प्रोग्राम किया जा सकता है या नहीं। कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त नीतेश कुमार व्यास ने इससे पहले ईवीएम की कार्य-प्रणाली के बारे में अदालत में प्रस्तुतिकरण दिया था।

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