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अन्तर्राष्ट्रीय

इस कस्‍बे में खूबसूरत लड़कियों के शादी के सपने हो रहे चकनाचूर, नहीं मिल रहे कुंवारे

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ब्राजील का नोइवा दो कोरडेएरो। पहाड़ियों के बीच बसा एक छोटा-सा कस्बा। खूबसूरती के मामले में यहां की लड़कियों के चर्चे दूर दूर तक है। यहां करीब 600 कुंवारी लड़कियां हैं और यहां कुंवारे लड़कों का मिलना किसी सूखे कुंए से पानी निकालने जैसा है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि कस्‍बे के पुरुष काम की तलाश में शहरों में जाते हैं और वही रहकर जीविकोपार्जन करते हैं। वहां से रहकर अपने घरवालों को पैसे भेजते हैं। नतीजतन पूरे गांव की जिम्मेदारी महिलाओं के कंधों
पर है।

कस्बे की 600 महिलाओं में ज्यादातर की उम्र 25 से 35 साल के बीच है। यहां रहने वाली नेल्मा फर्नांडिस बताती हैं कि कस्बे में शादीशुदा मर्द है या फिर कोई रिश्तेदार। इनमें से ज्यादातर रिश्ते में भाई लगते हैं। कस्बे में रहने वाली लड़कियां शादी का सपना देखती हैं और वो सभी चाहती हैं कि कोई पुरुष उन्‍हें प्‍यार कर प्रपोज करें। साथ ही वो ये कस्बा नहीं छोड़ना चाहती। वो शादी के बाद भी यहीं रहना चाहती हैं। लड़कियों की चाहत हैं कि शादी के बाद भी लड़का उन्‍हीं के साथ कस्बे में आकर रहे और उन्हीं के रीति–रिवाजों का पालन करें। इस वजह से गांव की लड़कियों के लिए अच्छे रिश्ते नहीं मिल पा रहे हैं.

कस्बे में रहने वाली कुछ महिलाएं शादीशुदा हैं, लेकिन उनके पति और 18 साल से बड़े–बेटे काम के लिए कस्बे से दूर शहर में रहते हैं। दरअसल, इस कस्बे में जितने भी पुरुष थे वे पैसे कमाने, नौकरी करने यहां से बाहर जा चुके हैं।

सभी काम महिलाएं ही संभालती हैं

नोइवा दो कोरडेएरो में खेती-किसानी से लेकर बाकी सभी काम कस्बे की महिलाएं ही संभालती हैं। कम्युनिटी हॉल के लिए टीवी खरीदने से लेकर हर तरह का प्रोग्राम ये सब सहभागिता के साथ करती हैं। कस्बे की पहचान मजबूत महिला समुदाय की वजह से है। इसकी स्थापना मारिया सेनहोरिनहा डी लीमा ने की थी।

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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