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प्रादेशिक

बिहार: युवती ने शादी से किया इंकार तो सिरफिरे आशिक ने उतारा मौत के घाट

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गोपालगंज। बिहार के गोपालगंज जिले में एक सिरफिरे आशिक ने एक लड़की की सिर्फ इसलिए हत्या कर दी क्योंकि उसने उससे शादी करने से इंकार कर दिया था। ये बात आरोपी को इतनी नागवार गुजरी कि उसने उसको चाक़ू मार दिया। आनन् फानन ने युवती को अस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पुलिस ने बताया कि जलालपुर गांव के रहने वाले अनिल यादव की बातचीत गांव की एक लडकी से हॉट थी। आरोप है कि इसी दौरान अनिल ने उसे अपने प्रेमजाल में फंसा लिया और उस पर शादी करने का दबाव बनाने लगा।पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बुधवार की देर रात अनिल लडकी के घर पहुंचा और शादी का प्रस्ताव रखा। लडकी के इनकार करने के बाद उसे चाकू मार दिया। आनन फानन में घायल लड़की को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हेा गई।

इधर, ग्रामीणों ने आरोपी अनिल की पकड़ कर जमकर मारपीट की, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया।गोपालगंज के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार तिवारी ने बताया कि आरोपी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और और उसका इलाज पटना में कराया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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