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भारत में स्मार्टफोन का सबसे बड़ा ब्रांड बना श्याओमी, 4G में जियो ने मारी बाज़ी

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स्मार्टफोन में श्याओमी कंपनी 30.3 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ भारत में वर्ष 2018 की पहली तिमाही में लगातार पहले नंबर पर बना हुई है, जबकि सैमसंग 25.1 फीसदी हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर है।

बाजार विश्लेषक इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (आईडीसी) ने सोमवार को यह जानकारी दी। 4जी फीचर वाले फोन के बाजार में लगातार हर तिमाही 50 फीसदी की दर से वृद्धि हो रही है। 4जी फोन में रिलायंस जियोफोन 38.4 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे है।

आईडीसी के तिमाही मोबाइल फोन ट्रैकर के अनुसार, भारत में स्मार्टफोन बाजार में लगातार 11 फीसदी सालाना दर से वृद्धि हो रही है। हालांकि 2017 की चौथी तिमाही के मुकाबले बाजार में स्थिरता बनी रही। श्याओमी की कुल ऑनलाइन बिक्री पहली तिमाही में पिछले साल की 32 फीसदी से बढ़कर 53 फीसदी हो गई।

श्याओमी बना भारत का नंबर -1 स्मार्टफोन ब्रांर्ड।

घरेलू स्मार्टफोन के बारे में आईडीसी इंडिया की वरिष्ठ बाजार विश्लेषक उपासना जोशी ने कहा कि पीसीबी, कैमरा मॉड्यूल और कनेक्टर पर भारत सरकार द्वारा हाल में बढ़ाए गए आयात शुल्क से निश्चित रूप से स्मार्टफोन कंपनियों पर लागत का दबाव बढ़ गया है।सैमसंग दूसरे स्थान पर है, जबकि इसकी सालाना वृद्धि दर स्थिर रही है।

ओपो पिछली तिमाही के पांचवें स्थान से छलांग लगाते हुए तीसरे स्थान पर आ गया है। हालांकि वीवो तीसरे स्थान से फिसलकर चौथे स्थान पर चला गया है। इसकी बिक्री में पहली तिमाही में 29.4 फीसदी की गिरावट आई है।

चीन के ट्रांसन समूह ने अपनी शुरुआत में ही शीर्ष पांच मोबाइल कंपनियों में जगह बना ली है। आइटेल, टेक्नो, इनफिनिक्स और स्पाइस जैसे ब्रांड भी ट्रांसन समूह के हैं।

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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