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अन्तर्राष्ट्रीय

पुराने वीडियो तो कुछ नहीं, ISIS की सज़ा का ये नया तरीका पहले से भी ज्यादा खूंखार है

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नई दिल्ली। दुनिया में आतंक का दूसरा नाम बन चुके ISIS ने दुनिया में अपनी दहशत फ़ैलाने के लिए इंटरनेट वीडियो का सहारा लिया था। लोगों का गला काटते हुए या अपने बंधकों को गोली मारते हुए, इस तरह के तमाम वीडियो ISIS ने सोशल मीडिया पर अपलोड किए थे। इन्ही वीडियोस के बाद सबके ज़हन में ISIS के लिए दहशत बैठ गई। लेकिन पिछले कुछ समय में इस आतंकी संगठन ने सीरिया और ईराक में अपनी जमीन खो दी थी। उसी खोई हुई दहशत को दोबारा पाने के लिए इस्लामिक स्टेट (ISIS) ने अपने बंधकों की हत्या के अति क्रूर वीडियो व फोटो एक बार फिर से जारी कर रहे हैं। इस बार इस्लामिक स्टेट का अपने बंधकों को जान से मारने का तरीका और ज़्यादा दिल दहलाने वाला है।

सीरिया का यारमॉक एरिया एक ऐसी जगह है जहां अभी तक ISIS का कंट्रोल है। आतंकी संगठन ने यहाँ से कुछ फोटोज जारी की हैं। इन फोटो में दिखा रहा है कि आतंकियों ने एक बंधक को मानव बम बनाकर बिल्डिंग से नीचे फैंक दिया। बंधक की गर्दन को ऐसे सेट किया गया ताकि वो मुड़े नहीं और नीचे फेंकने पर उसका सिर सीधा जमीन से टकराए। उसे विस्फोटक से भरा हुआ एक हैलमेट पहनाया गया और उसके ऊपर बम का एक ट्रिगर भी फिट किया गया। जिससे गिरते ही विस्फोटक ब्लास्ट हो गया और बंधक की दर्दनाक तरीके से मौत हो गई।

अभी जानकारी नहीं मिल पाई है कि बंधक का अपराध क्या था? या फिर ये सिर्फ सीरियन और रशियन फोर्स द्वारा किए जा रहे हवाई हमलों का जवाब था।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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