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अन्तर्राष्ट्रीय

इराक में भी श्रीलंका की तरह अराजकता, गोलीबारी में 20 के मारे जाने की खबर

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बगदाद। इराक की राजधानी बगदाद में इस समय अराजकता का माहौल है। श्रीलंका की तरह उग्र भीड़ ने राजधानी बगदाद स्थित इराक के राष्ट्रपति भवन और सरकारी भवनों पर कब्जा कर लिया। सुरक्षा बल भी उन्हें खदेड़ने में विफल रहे।

देश में करीब 10 माह से सरकार नाम की चीज नहीं है और शक्तिशाली शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सदर ने भी राजनीति से संन्यास का एलान कर दिया। इससे उनके समर्थक भड़क उठे। वो राष्ट्रपति के महल में घुस गए। उनके और ईरान समर्थक इराकियों के बीच संघर्ष शुरू हो गया।

आरंभिक खबरों में 20 लोगों के मारे जाने की बात कही गई है। 19 लोग घायल हुए हैं। भीड़ में शामिल अराजक तत्व राष्ट्रपति के महल में बने स्विमिंग पूल में धमाल मचाने लगे। बगदाद की सड़कों पर पथराव शुरू हो गया। कई जगहों पर गोलियां चलने की आवाज सुनाई दी। इराक में कर्फ्यू लगा दिया गया है।

एक सप्ताह से चल रहा था प्रदर्शन

शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल सदर के समर्थक बगदाद के ग्रीन जोन में स्थित संसद के बाहर एक सप्ताह से धरना दे रहे थे। जैसे ही उन्हें के राजनीतिक संन्यास के फैसले का पता चला, वे भड़क गए। इसके बाद सेना व पुलिस ने मोर्चा संभाला और प्रदर्शनकारियों से ग्रीन जोन छोड़ने की अपील की।

नई सरकार को लेकर गतिरोध

दरअसल, इराक में नई सरकार बनाने को लेकर बीते एक माह से गतिरोध कायम है। शिया धर्मगुरु के समर्थक इराक में दशकों के संघर्ष और भ्रष्टाचार से निपटने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। शिया धर्मगुरु इराक की राजनीति पर अमेरिका व ईरान का प्रभाव खत्म करने के पक्ष में थे। वे संसद भंग कर जल्दी चुनाव कराने की भी मांग कर रहे थे।

इस बीच, अचानक उन्होंने ट्वीट किया कि- मैं राजनीति छोड़ रहा हूं। हालांकि, सांस्कृतिक और धार्मिक संस्थान खुले रहेंगे। राजनीति छोड़ने का फैसला चौंकाने वाला इसलिए है, क्योंकि उनकी पार्टी इस समय इराकी संसद में सबसे बड़ी पार्टी है।

पिछले साल अक्तूबर में इराक में चुनाव हुए थे। इसमें उनकी पार्टी ने 329 में 73 संसदीय सीटें जीती थी, लेकिन सदर ने दूसरे दलों के साथ गठबंधन सरकार बनाने से इनकार कर दिया था। इराक में अभी निवर्तमान प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कदीमी देश का कामकाज संभाले हुए हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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