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इसरो ने एक साथ 20 उपग्रहों का प्रक्षेपण कर इतिहास रचा

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इसरो, 20 उपग्रहों का प्रक्षेपण, पीएसएलवी

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इसरो, 20 उपग्रहों का प्रक्षेपण, पीएसएलवी

20 pslv launch by isro today

श्रीहरिकोटा| भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भारतीय रॉकेट ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) से बुधवार सुबह एक साथ 20 उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण कर इतिहास रच दिया।

इनमें पृथ्वी की निगरानी करने वाला उपग्रह काटरेसैट, गूगल कंपनी टेरा बेला का स्काईसैट जेन2-1 और अन्य 18 उपग्रह शामिल हैं। 44.4 मीटर लंबा और 320 टन वजनी पीएसएलवी ने सुबह 9:26 बजे 20 उपग्रहों को लेकर उड़ान भरी। सभी उपग्रहों का वजन 1,288 किलोग्राम है।

इस रॉकेट का मुख्य और सबसे वजनी हिस्सा पृथ्वी के अवलोकन से संबंधित 725.5 किलोग्राम का काटरेसैट-2 श्रृंखला का उपग्रह है। इस उपग्रह पहले काटरेसैट-2, 2ए और 2बी के समान हैं।

अन्य 19 उपग्रहों में 560 किलोग्राम के अमेरिका, कनाडा, जर्मनी और इंडोनेशिया के साथ-साथ चेन्नई के सत्यभामा विश्वविद्यालय और पुणे के कॉलेड ऑफ इंजीनियरिंग के दो उपग्रह शामिल हैं।

काटरेसैट उपग्रह से भेजी जाने वाली तस्वीरें काटरेग्राफिक, शहरी, ग्रामीण, तटीय भूमि उपयोग, जल वितरण और अन्य अनुप्रयोगों के लिए मददगार होंगी।

इसरो के मुताबिक, गूगल कंपनी टेरा बेला से संबद्ध 110 किलोग्राम वजनी स्काईसैट जेन2-1 एक छोटा उपग्रह है, जो सब-मीटर रिजोल्यूशन इमेज लेने और हाई डिफनिशन वीडियो बनाने में सक्षम है।

प्रक्षेपित विदेशी उपग्रहों में कनाडा का 85 किलोग्राम वजनी एम3एमसैट, इंडोनेशिया का 120 किलोग्राम वजनी एलएपीएसएन-ए3, जर्मनी का 130 किलोग्राम वजनी बीआईआरओएस और कनाडा का ही 25.5 किलोग्राम वजनी जीएचजीसैट-डी उपग्रह शामिल है।

सत्यभामा विश्वविद्यालय का 1.5 किलोग्राम वजनी सत्याभामासैट उपग्रह ग्रीन हाउस गैसों के आंकड़े एकत्र करेगा। वहीं, पुणे का एक किलोग्राम का स्वायन उपग्रह हैम रेडियो कम्युनिटी को संदेश भेजेगा।

इसरो पहली बार इस मिशन के तहत एक ही रॉकेट से 10 से अधिक उपग्रहों का प्रक्षेपण कर रहा है। साल 2008 में इसरो ने पीएसएलवी रॉकेट से 10 उपग्रह प्रक्षेपित किए थे। अब तक भारत 57 विदेशी उपग्रहों का सफल प्रक्षपेण कर चुका है।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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