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बिजनेस

जीएसटी : दूध, अनाज, सब्जियां सस्‍ती, कॉस्‍मेटिक्‍स और रिवॉल्‍वर महंगे

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नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने गुरुवार को 1,211 सामानों पर टैक्‍स की दरें निर्धारित कर दी हैं। आम आदमी के लिए खुशी की बात यह है कि जीएसटी में 81 फीसदी सामानों पर टैक्‍स की दर 18 फीसदी से कम रखी गई है। हालांकि छोटी कारों पर टैक्‍स की दर बढ़ सकती है।

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जीएसटी के अंतर्गत दूध, अंडे, नमक, ताजी सब्जियां, फल, गर्भनिरोधक, जैविक खाद, मिट्टी के बरतन, नारियल, प्रसाद (धार्मिक स्थलों के जैसे मस्जिद, मंदिर, चर्च आदि) को टैक्‍स से छूट मिली है।

वहीं, जिंदा जानवर, फल जूस और मांस पर 12 फीसदी टैक्‍स लगेगा, जबकि मछली पर पांच फीसदी टैक्‍स लगेगा। मक्खन और चीज पर 12 फीसदी टैक्‍स लगेगा, जबकि गाढ़ा किए गए दूध पर 18 फीसदी टैक्‍स लगेगा।

बेवरेज श्रेणी में कॉफी (इंस्टैंट नहीं), चाय और मुंगफली, कोयला, हैंडपंप आदि पर जीएसटी के अंतर्गत पांच फीसदी टैक्‍स वसूला जाएगा।

हालांकि गुड़ को जीएसटी से छूट दी गई है, लेकिन चीनी और बीट शूगर को पांच फीसदी कर वाली श्रेणी में रखा गया है। बायो गैस संयंत्र, पवनचक्की, केरोसिन लालटेन पर पांच फीसदी कर लगाया जाएगा।

मोबाइल फोन्स, फाउंटेन पेन इंक, टूथ पॉउडर, अगरबत्ती, फीडिंग बोतल, ब्रेल पेपर, बच्चों की कलरिंग किताबें, छाता, पेंसिल शार्पनर, ट्रैक्टर, साइकिल, कांटैक्स लेंस, चश्मों के लेंस, बरतन, खेल के सामान, मछली पकड़ने का डंडा, कंघी, पेंसिल और हैंड पेंटिंग पर 12 फीसदी कर लगेगा।

बिंदी, चूड़ी, शीशे की चूड़ियां, हैंडलूम, सुनने की मशीन, हाथ से बने संगीत उपकरण को जीएसटी के अंतर्गत छूट दी गई है। जीएसटी में कुल सात फीसदी सामानों को कर से छूट दी गई है।

जिन चीजों पर 18 फीसदी कर लगाया गया है, उनमें हेलमेट, एलपीजी स्टोव, परमाणु रिएक्टर, घड़ियां, सैन्य हथियार, इलेक्ट्रॉनिक खिलौने और प्लास्टिक के बटन शामिल हैं।

जिन सामानों पर टैक्‍स की दर सबसे ज्यादा 28 फीसदी रखी गई है। इनमें बोतलबंद पेय, परफ्यूम, ऑफ्टर शेव लोशन, डियोड्रेंट, फर के कपड़े, रेजर ब्लेड, कार, रिवाल्वर और पिस्तौल शामिल हैं।

वहीं, छोटी कारों पर एक से तीन फीसदी सेस लगाया जाएगा। 350 सीसी से अधिक के इंजन वाली मोटरसाइकिल, निजी विमान, नौका, मध्यम श्रेणी के कारों पर 15 फीसदी सेस लगाया जाएगा।

 

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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