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अन्तर्राष्ट्रीय

ईरान परमाणु समझौते का पालन नहीं कर रहा : ट्रंप

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अमेरिका, उत्तर कोरिया, ट्रंप, सीएनएन, राष्ट्रपति चुनाव, परमाणु कार्यक्रम

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वाशिंगटन । अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को ईरान पर 2015 के परमाणु समझौते पर अमल न करने का आरोप लगाया।

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समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, ट्रंप ने कहा, “वे समझौते का उल्लंघन कर रहे हैं। यह एक बेहद खराब समझौता था, जो नहीं होना चाहिए था।”

एक संवाददाता के यह पूछे जाने पर कि क्या व्हाइट हाउस के पास ईरान पर यह आरोप लगाने की कोई ठोस वजह है?

ट्रंप ने प्रश्न को नजरअंदाज करते हुए केवल इतना ही कहा कि उनका प्रशासन 2015 के परमाणु समझौते का विश्लेषण कर रहा है। उन्होंने कहा, “हम फिलहाल इसके बारे में कुछ नहीं कह सकते।”

हालांकि अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने मंगलवार को प्रतिनिधि सभा के नेता पॉल रयान को भेजे एक पत्र में सत्यापित किया था कि ईरान 2015 के परमाणु समझौते के तहत अपनी वचनबद्धताओं से बंधा हुआ है।

ट्रंप प्रशासन ने परमाणु समझौते से जुड़ी ईरान की प्रतिबद्धता को लेकर पहला प्रमाणीकरण जारी किया है। टिलरसन को अपने पूर्ववर्ती विदेश मंत्री जॉन केरी की तरह ही हर 90 दिनों में यह सत्यापन जारी करना होगा।

हालांकि टिलरसन ने ईरान को ‘आतंकवाद का एक प्रमुख प्रायोजक देश’ करार देते हुए कांग्रेस को सूचित किया कि ट्रंप प्रशासन ने 2015 के परमाणु समझौते की पूर्ण समीक्षा का निर्देश दिया है, ताकि यह तय किया जा सके कि समझौते को जारी रखना अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में है या नहीं।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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