मुख्य समाचार
मुलायम आज अकेले और बेहैसियत हो चुके हैं : अमर सिंह
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) में मचे घमासान के बीच अखिलेश यादव गुट की ओर से ‘खलनायक’ की तरह पेश किए जा रहे अमर सिंह ने शुक्रवार को अपनी सफाई देते हुए कहा कि वह अखिलेश के विरोधी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वह स्वयं चाहते हैं कि पिता-पुत्र के बीच का विवाद खत्म हो। मुलायम आज पार्टी में अकेले पड़ चुके हैं, वह बेहैसियत हो गए हैं।
अमर सिंह ने सपा के कई नेताओं का नाम लिए बगैर उन पर जमकर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि एक वरिष्ठ नेता ठीक से हिंदी भी नहीं बोल पाते। उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों के जवाब में कहा, “मैंने आज तक जो कुछ भी किया वह पार्टी के भले के लिए किया। मैंने एक पैसे का व्यापार नहीं किया। कोई ठेका-पट्टा नहीं लिया।”
उन्होंने कहा, “मुझ पर तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। ऐसा करने वालों से मेरी विनम्र चुनौती है कि जांच करा लें, वरना इस तरह के अनर्गल बयान देने वालों के मुंह पर लगाम लगा दी जाए।” उन्होंने कहा “मैं नाम लेकर किसी का महत्व नहीं बढ़ाना चाहता लेकिन एक और नेता हैं वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के काबीना मंत्री रह चुके हैं। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस में रह चुके हैं और इस वक्त अखिलेश के साथ हैं। वह मुझे भाजपा का एजेंट कह रहे हैं।” अमर सिंह का इशारा राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल की तरफ था।
अमर ने कहा, “इस तरह अल्पांश तरीके से कोई किसी के साथ नहीं रह सकता। अगर भाजपा से मेरा सामंजस्य होता तो मैं उसमें समाहित होता। मैं बैकडोर से जाकर राजनीति नहीं करता।” वहीं उन्होंने अखिलेश गुट पर सवाल उठाते हुए कहा कि शिवपाल के जिन दागी साथियों का विरोध मुख्यमंत्री ने किया वह शिवपाल के साथ दागी थे, लेकिन आज मुख्यमंत्री के पास जाकर एफीडेविट देने पर उज्ज्वल हो गए।
उन्होंने कहा कि सारे दागदार लोगों की छवि चमचमाने लगी। अंसारी बंधु भी साफ छवि के हो गए। अमर सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि “वृंदावन में रहना है तो हां जी हां जी कहना है।” वहीं शिवपाल यादव का पक्ष लेते हुए अमर सिंह ने कहा, “शिवपाल ने अखिलेश को पाला-पोसा है। अखिलेश की पढ़ाई में मेरा भी योगदान है। मैं अखिलेश यादव की तरक्की में बाधक नहीं हूं। उन्होंने कहा कि जिस विचाराधारा में समाजवाद है, मैं उसमें हूं।”
इससे पहले शुक्रवार सुबह से ही अमर सिंह के पार्टी के सभी पदों से इस्तीफे देने की अटकलें लगाई जाती रहीं। वह पहले भी कह चुके थे कि “अगर मेरे पीछे हटने से सुलह होती है तो मैं तैयार हूं।” अमर सिंह गुरुवार को मुलायम के साथ दिल्ली से लखनऊ आए और शुक्रवार सुबह भी उन्होंने मुलायम से मुलाकात की। वहीं सपा में मुलायम द्वारा अखिलेश की मांगें माने जाने की खबरें भी पूरे दिन सुर्खियों में रहीं। शिवपाल शुक्रवार सुबह खुद सीएम आवास पर पहुंचे। इसके बाद उन्होंने मुलायम से मुलाकात की।
हालांकि दोनों ही पक्षों की ओर से कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया। मुलायम की चार बजे पत्रकार वार्ता होनी थी, लेकिन उसे भी रद्द कर दिया गया।
गौरतलब है कि अखिलेश गुट की ओर से बुलाए राष्ट्रीय अधिवेशन में जहां उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया, वहीं अमर सिंह को पार्टी से बाहर निकालने का भी प्रस्ताव पारित किया गया। अखिलेश शुरुआत से ही अमर सिंह को बाहरी बताते हुए पार्टी में बिखराव की अहम वजह मानते हैं।
नेशनल
जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा
नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।
संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।
जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।
संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।
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