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बिहार: कांग्रेस ने गठबंधन टूटने का दिए संकेत, सियासत गर्माई

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Nitish kumar newपटना। बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के शिक्षामंत्री अशोक चौधरी के उस बयान को लेकर सियासत गर्मा गई है, जिसमें उन्होंने गठबंधन टूटने की बात कही थी। गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इस बयान को बेमतलब का बताया है। वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तंज कसते हुए कहा कि बिहार में मंत्री ही सरकार के मुखिया के विरोध में हैं। हालांकि, जनता दल (युनाइटेड) का कहना है कि गठबंधन मजबूत है।

कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी ने यहां बुधवार को कहा कि कांग्रेस जनता की मुश्किलों के साथ है। उन्होंने कहा कि यदि आलाकमान की ओर से निर्देश मिलेगा, तो आज भी गठबंधन टूट सकता है।

पटना में नोटबंदी के खिलाफ कांग्रेस द्वारा आयोजित विरोध मार्च में भाग लेते हुए चौधरी ने कहा, “कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है और हमारी पार्टी जनता की मुश्किलों के साथ है। नोटबंदी से अगर जनता को परेशानी हो रही है, तो हम जनता के साथ खड़े हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “पार्टी के आलाकमान की सहमति से हमने बिहार मे महागठबंधन का साथ दिया था। अगर आलाकमान का निर्देश हो तो आज ही बिहार में गठबंधन टूट सकता है। हमें कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन साथ रहेगा और कौन जाएगा?”

इधर, सत्ताधारी महगठबंधन में शामिल जनता दल (युनाइटेड) के महासचिव क़े सी़ त्यागी से जब चौधरी के इस बयान के विषय में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “अशोक चौधरी का बयान समझ से परे है। जहां तक नोटबंदी की बात है, तो महागठबंधन में शामिल तीनों दल एक साथ खड़े हैं। सदन में सभी विपक्ष साथ हैं।”

उन्होंने कहा कि ऐसे बयानों से गठबंधन की सेहत पर कोई असर नहीं पडऩे वाला है।

इस बीच राजद के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस के किसी भी नेता का बयान बेमतलब है। उन्होंने कहा, “जबतक कांग्रेस आलाकमान का कोई बयान नहीं आता, ऐसे बयान का कोई मतलब नहीं है।”

इस बीच, राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने चौधरी के बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मंत्री ही सरकार के मुखिया के विरोध में हैं।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा, “बिहार में राजद, जद (यू) और कांग्रेस का गठबंधन नापाक है। यह केवल सत्ता के लिए है। इस सरकार के मंत्री ही सरकार के मुखिया का विरोध कर रहे हैं। वे गठबंधन तोडऩे की धमकी दे रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जवाब देना चाहिए कि वह कैसी सरकार चला रहे हैं।”

उल्लेखनीय है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार की नोटबंदी का समर्थन किया है।

नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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