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वॉट्सऐप ने लॉन्च किए डेस्कटॉप ऐप
विंडोज़ और मैक के लिए लॉन्च किया ऐप
मुंबई। वर्तमान में युवाओं के बीच सबसे ज्यादा लोकप्रिय चैटिंग ऐप वॉट्सऐप ने ऑपरेट सिस्टम विंडोज़ और मैक के लिए डेस्कटॉप ऐप्स लॉन्च किया है। इन ऐप्स को कंपनी की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है। विंडोज़ 8 और इससे बाद के ऑपरेटिंग सिस्टम पर रन करने वाले डिवाइसेज़ , साथ ही मैक OS 10.9 व इसके बाद के ऑपरेटिंग सिस्टम वाले डिवाइसेज पर ही ये ऐप काम करेंगे।
डेस्कटॉप ऐप लॉन्च करने के साथ ही इंस्टंट मेसेजिंग और वॉइस कॉलिंग ऐप
वॉट्सऐप अब सभी पॉप्युलर प्लैटफॉर्म्स पर ऐप के रूप में उपलब्ध हो गया है। वॉट्सऐप के डेस्कटॉप ऐप को कंपनी ने ‘वॉट्सऐप वेब’ को लॉन्च करने के 14 महीने बाद जारी किया है। वॉट्सऐप वेब फीचर के जरिए यूजर अपने डेस्कटॉप के वेब ब्राउज़र पर इसे ऐक्सेस कर सकते थे, मगर अब वे अलग से ऐप इंस्टॉल कर सकते हैं। वॉट्सऐप ने ब्लॉग में लिखा है, “आज हम एक डेस्कटॉप ऐप लॉन्च कर रहे हैं, ताकि आप कहीं से भी, कभी भी वॉट्सऐप इस्तेमाल कर सकें। फिर आप अपने फोन पर हों या कंप्यूटर पर।’ वॉट्सऐप डेस्कटॉप ऐप ठीक वैसे ही काम करता है, जिस तरह से इसका वेब क्लाइंट काम करता है। यानी यह मोबाइल डिवाइस पर इस्तेमाल किए जाने वाले वॉट्सऐप अकाउंट का ही मिरर होगा। डेस्कटॉप ऐप मोबाइल डिवाइस के वॉट्सऐप के साथ सिंक कर लेता है।
कैसे करें इस्तेमाल
इस ऐप को यूज करने के लिए वेब क्लाइंट की ही तरह फोन के वॉट्सऐप से QR कोड स्कैन करना होगा। इसके लिए स्मार्टफोन में वॉट्सऐप पर वेब मेन्यू सेटिंग्स में जाना होगा। यह ध्यान रखना जरूरी है कि आप अपने स्मार्टफोन पर वॉट्सऐप का लेटेस्ट वर्जन इस्तेमाल कर रहे हों।
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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।
इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड
सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।
जनवरी में होगी अगली बैठक
जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।
वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।
फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम
विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।
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