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मुख्य समाचार

हमीरपुर में छात्रा के आत्मदाह पर हिंसा, एक की मौत

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हमीरपुर (यूपी)। छेड़खानी के बाद एक मेधावी छात्रा के आत्मदाह से आहत हजारों लोगों ने बिंवार कस्बे में थाने पर धावा बोलकर आगजनी की। पुलिस ने भीड़ पर फायरिंग कर दी, जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन अन्य गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए।
शनिवार रात हुई हिंसक झड़पों के बाद आरआरएफ, पीएसी व अन्य सुरक्षा बलों को चप्पे-चप्पे पर तैनात कर दिया गया है। रविवार को कस्बे में कर्फ्यू जैसा माहौल है। पुलिस ने हिंसक घटना को लेकर दो पत्रकारों समेत डेढ़ दर्जन लोगों को हिरासत में लिया है। जिलाधिकारी संध्या तिवारी ने इस घटना की मजिस्ट्रेट से जांच का आदेश दिया है। उन्होंने जान देने वाली छात्रा और पुलिस की गोली का शिकार हुए व्यक्ति के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये तथा घायलों को एक-एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। उनके आदेश पर बिंवार के थानेदार गिरेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया गया है।

गौरतलब है कि शनिवार की सुबह कक्षा बारहवीं की एक छात्रा ने छेड़खानी से अपमानित होने के बाद घर में खुद को आग के हवाले कर दिया था। गंभीर हालत में उसे हमीरपुर सदर अस्पताल लाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। परिजनों ने बिंवार के एसओ पर रिपोर्ट दर्ज न कर आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया था। उन्होंने भूरा यादव व जितेंद्र यादव पर छात्रा के साथ राह चलते कई दिन छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसका नतीजा यह हुआ कि उनकी बेटी ने आत्मदाह कर लिया।

पोस्टमार्टम के बाद छात्रा का शव जब परिजनों को सौंपा गया तो परिजन और ग्रामीणों का आक्रोश भड़क गया। शाम होते-होते हजारों लोगों ने बिंवार थाने के बाहर शव रखकर हमीरपुर-राठ मार्ग जाम कर दिया था। देर शाम भीड़ में धक्कामुक्की के बाद सिपाही ने एक युवक की पिटाई कर दी तो ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। पुलिस पर पथराव करने के साथ ही भीड़ ने थाने पर धावा बोल दिया। इसी बीच पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इससे भीड़ और उग्र हो गई। भीड़ ने सीओ, एसओ व कई पुलिस अधिकारियों के वाहनों को आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने भीड़ को तितरबितर करने के लिए पहले तो अश्रुगैस के गोले दागे, फिर भीड़ पर फायरिंग कर दी। पुलिस की गोलीबारी में मोहित पाण्डेय (18), रोहित, जयकरन व कल्लू गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को अस्पताल ले जाया गया, जहां मोहित की मौत हो गई। कल्लू समेत दो लोगों को कानपुर रेफर कर दिया गया है।

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नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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