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अक्टूबर में हो सकते हैं यूपी पंचायत चुनाव

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अक्टूबर माह तक पंचायत चुनाव पूरा होने की संभावना है। राज्य निर्वाचन आयोग ने इसके लिए लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। मतदाता पुनरीक्षण कार्य 31 अगस्त तक पूरा हो जाएगा।

आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि मतदाता पुनरीक्षण कार्य पूरा होने के बाद पंचायत चुनाव की सीटों के लिए आरक्षण की घोषणा की जाएगी। संभव है कि सितंबर माह के तीसरे सप्ताह में ही राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव की अधिसूचना जारी कर दे। आयोग अक्टूबर माह के भीतर चुनाव पूरा करा लेगा। आयोग के अपर आयुक्त जय प्रकाश सिंह ने बताया कि इस बार पंचायत चुनाव दो चरणों में कराए जाने की संभावना है। पहले चरण में ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य का चुनाव होगा। जबकि जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुखों के चुनाव दूसरे चरण में कराए जाएंगे। वर्ष 2010 के पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायत सदस्य पद के 6 लाख 51 हजार 48 पदों के लिए चुनाव हुआ था, जबकि इस बार 7 लाख 45 हजार 485 पदों के लिए चुनाव होगा।

इसी तरह पिछले चुनाव में 51 हजार 914 ग्राम प्रधान पदों के लिए चुनाव हुआ था, जबकि इस बार 59 हजार, 163 ग्राम प्रधान पदों के लिए चुनाव होगा। बीते चुनाव में 64 हजार 875 क्षेत्र पंचायत सदस्य पदों के लिए चुनाव हुआ था, जबकि इस बार 77 हजार, 925 पदों के लिए चुनाव होगा। यही नहीं जिला पंचायत सदस्य पद के लिए बीते चुनाव में 2 हजार 624 पदों के सापेक्ष इस बार 3 हजार 128 जिला पंचायत सदस्य पदों के लिए चुनाव होगा।

पंचायत चुनाव दो चरणों में कराए जाएं या फिर चार चरणों में अभी आयोग इसे तय नहीं कर पाया है। आयोग में इस बात पर लगातार विचार किया जा रहा है कि पंचायत चुनाव कराने के लिए 2005 को आधार बनाया जाए या फिर 2010 की तरह चुनाव कराया जाए। राज्य निर्वाचन आयोग ने 2005 के पंचायत चुनाव दो भागों में कराए थे। पहले भाग में ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य पदों के लिए चुनाव और दूसरे चरण में क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत सदस्य पद के लिए चुनाव कराए गए थे। जबकि 2010 के पंचायत चुनाव में सभी पदों के लिए एक साथ पूरे प्रदेश में चुनाव कराए गए थे।

वर्ष 2010 में आयोग ने सभी जिलों को चार भागों में बांट कर चार चरणों में एक साथ चुनाव कराया था। इसमें एक जिले के सभी विकास खंडों को चार भागों में बांट कर चार तिथियों पर चुनाव कराए गए थे। इस बार अभी तय नहीं हुआ कि किस तरह कितने चरणों में पंचायत चुनाव कराए जाएं, लेकिन इस बात की प्रबल संभावना है कि इस बार भी वर्ष 2005 की प्रक्रिया को अपनाया जाए।

आयोग चाहता है कि सितंबर के तीसरे सप्ताह में अधिसूचना जारी कर दी जाए और अक्टूबर के तीसरे सप्ताह तक मतदान प्रक्रिया पूरी करा ली जाए। अपर आयुक्त ने बताया कि चुनाव कितने चरणों और कब होगा, यह तो अधिसूचना जारी होने के बाद ही पूरी तरह से स्पष्ट हो पाएगा। लेकिन यह तय है कि सितंबर के तीसरे सप्ताह में चुनाव आयुक्त द्वारा पंचायत चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। संभावना इस बात की भी है कि अक्टूबर माह में मतदान की पूरी प्रक्रिया संपन्न करा ली जाए।

उन्होंने कहा कि अक्टूबर में ही 21 और 22 तारीख को प्रमुख त्योहार पड़ने के कारण आयोग इस बात को भी ध्यान में रखे हुए है कि चुनाव प्रक्रिया में किसी भी तरह से लोगों को असुविधा न होने पाए। जय प्रकाश सिंह ने बताया कि आयोग 7 अगस्त तक मतदाता सूची तैयार करा रहा है। इसके बाद 8 से 14 अगस्त तक मतदाता सूचियों पर आपत्ति और दावा किया जा सकेगा। वहीं 15 से 20 अगस्त तक मतदाता सूची पर प्राप्त आपत्तियों का निस्तारण होगा और फिर 21 से 29 अगस्त तक मतदाता सूची में नाम शामिल किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया के बाद 31 अगस्त को अनंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।

नेशनल

भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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